हरिद्वार। ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय में सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के उपलक्ष्य में ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेद कॉलेज के परिसर निदेशक डा0 डी0सी0 सिंह ने सभी विभागाध्यक्ष,संकाय सदस्य, अधिकारी,कर्मचारी एवं छात्र-छात्राओं को राष्ट्रीय एकता दिवस की शपथ दिलाई। परिसर निदेशक डा0 डी0सी0 सिंह ने शपथ दिलाते हुए कहा कि हम सब राष्ट्र की एकता अखंडता और सुरक्षा को बनाये रखने के लिये स्वयं को समर्पित करते हुए अपने देशवासियों के बीच यह संदेश फैलाने का प्रयत्न करेंगे तथा अपने देश की एकता भावना से सरदार वल्लभ भाई पटेल की दूरदर्शिता एवं कार्यों द्वारा संभव बनायंगें। हम सभी अपने देश की आन्तरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये अपना योगदान करने का भी सत्यनिष्ठा से संकल्प करते हैं। कार्यक्रम के संयोजक शरीर रचना विभागाध्यक्ष डा0 नरेश चौधरी ने कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल के योगदान को राष्ट्रीय आंदोलन से लेकर आजादी के बाद भी भुलाया नहीं जा सकता,जब भारत आजाद हुआ तब देश में सैकड़ों छोटी बड़ी रियासतें थीं , कुछ रियासतें भारत में शामिल होने के खिलाफ थीं लेकिन सरदार वल्लभ भाई पटेल ने अपनी शानदार नेतृत्व क्षमता से इन रियासतों का भारतीय संघ में मिलाया। सरदार वल्लभ भाई पटेल एक मजबूत, अडिग और दृढ संकल्पित व्यक्तित्व के धनी थे इसलिए उन्हें लौह पुरुष भी कहा जाता है। शपथ के बाद ऋषिकुल परिसर से मालवीय चौक,पुराना रानीपुर मोड,चन्द्राचार्य चौक होते हुए वापस ऋषिकुल परिसर तक राष्ट्रीय एकता दौड भी आयोजित की गयी। जिसमें विशेषकर डा0 ओ0पी0 सिंह,डा0खेम चन्द शर्मा, डा0 के0के0शर्मा, डा.विशाल वर्मा,डा0 सीमा जोशी,डा0 संजय सिंह,डा.यादवेन्द्र यादव,डा0 पारूल शर्मा,डा0 हेमप्रकाश,डा0 प्रवेश कुमार ,डा.विमल कुमार,डा.संजय गुप्ता, डा0 शुचि मित्रा,डा0शोभित कुमार,अरविन्द शर्मा,मंजु पाण्डेय ,सुदामा जोशी, अशोक चन्द्र,अनिल सिंह नेगी,अमित सिंह, रवि शंकर आदि कर्मचारी एवं सभी स्नातक एवं स्नातकोत्तर छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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