हरिद्वार। श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़े की पवित्र छड़ी यात्रा नगर परिक्रमा भ्रमण के दौरान प्राचीन श्री दक्ष प्रजापति मंदिर कनखल पहुंची, जहां पर विधि विधान से पवित्र छड़ी की पूजा अर्चना की गई। इस अवसर पर बोलते हुए जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक एवं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत स्वामी हरि गिरि ने कहा अंतर्राष्ट्रीय जूना अखाड़े की पावन छड़ी यात्रा देश की खुशहाली एकता अखंडता के लिए है। देवताओं के प्रति हमारी निष्ठा देश को खुशहाली की ओर ले जाती है। साथ ही जूना अखाड़े की पवित्र छड़ी यात्रा देश में एकता एवं अखंडता का संदेश देती है। यह धार्मिक यात्रा सनातन परंपरा को और अधिक प्रखर तथा मजबूत करने का कार्य करती है। इस अवसर पर जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय सभापति श्रीमहंत प्रेम गिरि जी,सचिव महंत शैलेंद्र गिरी,महंत माहेश्वरी,माता महंत साधना गिरी जी,माता मालविका गिरी,महंत गंगानन्द सरस्वती,स्वामी ब्रह्मानंद जी,महंत महेश पुरी,महंत सुरेशानंद सरस्वती, थानापति महाकाल गिरी थानापति तूफान गिरी,रवि गिरी,थानापति देवानंद गिरि,थानापति अरुण गिरी,थानापति रंजीतानंद गिरि,थानापति देवानंद गिरि,थानापति परमानंद गिरि,थानापति आकाश गिरी,महंत महेश पुरी,भक्त प्रवीण कश्यप मनोजानंद सहित भारी संख्या में अखाड़े के संत तथा भक्तगण उपस्थित थे।
हरिद्वार। श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़े की पवित्र छड़ी यात्रा नगर परिक्रमा भ्रमण के दौरान प्राचीन श्री दक्ष प्रजापति मंदिर कनखल पहुंची, जहां पर विधि विधान से पवित्र छड़ी की पूजा अर्चना की गई। इस अवसर पर बोलते हुए जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक एवं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत स्वामी हरि गिरि ने कहा अंतर्राष्ट्रीय जूना अखाड़े की पावन छड़ी यात्रा देश की खुशहाली एकता अखंडता के लिए है। देवताओं के प्रति हमारी निष्ठा देश को खुशहाली की ओर ले जाती है। साथ ही जूना अखाड़े की पवित्र छड़ी यात्रा देश में एकता एवं अखंडता का संदेश देती है। यह धार्मिक यात्रा सनातन परंपरा को और अधिक प्रखर तथा मजबूत करने का कार्य करती है। इस अवसर पर जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय सभापति श्रीमहंत प्रेम गिरि जी,सचिव महंत शैलेंद्र गिरी,महंत माहेश्वरी,माता महंत साधना गिरी जी,माता मालविका गिरी,महंत गंगानन्द सरस्वती,स्वामी ब्रह्मानंद जी,महंत महेश पुरी,महंत सुरेशानंद सरस्वती, थानापति महाकाल गिरी थानापति तूफान गिरी,रवि गिरी,थानापति देवानंद गिरि,थानापति अरुण गिरी,थानापति रंजीतानंद गिरि,थानापति देवानंद गिरि,थानापति परमानंद गिरि,थानापति आकाश गिरी,महंत महेश पुरी,भक्त प्रवीण कश्यप मनोजानंद सहित भारी संख्या में अखाड़े के संत तथा भक्तगण उपस्थित थे।
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