वात्सल्य वाटिका का रजत जयंती समारोह संपन्न
हरिद्वार। विश्व हिन्दू परिषद के सेवा प्रकल्प वात्सल्य वाटिका की स्थापना के 25वर्ष पूर्ण होने पर मनाए जा रहे दो दिवसीय रजत जयंती समारोह के दूसरे दिन के कार्यक्रम का शुभारंभ विहिप के केंद्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे,साध्वी ऋतंभरा,पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने किया। सेवा प्रकल्प के कोषाध्यक्ष लीलाराम गुप्ता ने प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। इस दौरान 25नए सेवा प्रकल्प,सचल चिकित्सा वाहन,कौशल विकास केंद्र के माध्यम से क्षेत्र के विकास का संकल्प,संस्कारशाला,संस्कृत विद्यालय प्रारंभ करने का लक्ष्य तय किया गया। मिलिंद परांडे,साध्वी ऋतंबरा,आचार्य बालकृष्ण,महामंडलेश्वर सुरेंद्रानंद ने वात्सल्य प्रसून स्मारिका का विमोचन किया। मिलिंद परांडे ने कहा कि समाज के उत्थान का कार्य करना सर्वोत्तम कार्य हैं। समाज के उत्थान से ही देश का उत्थान होगा और भारत विश्व गुरु बनेगा। विश्व हिन्दू परिषद ने भी सम्पूर्ण समाज के उत्थान का संकल्प लिया हैं, जिसकी पूर्ति हेतु देशभर में 5000 हजार से अधिक सेवा कार्य चल रहें हैं। वर्तमान समय में सेवा लेने से अधिक सेवा देने का मन होना चाहिए और प्रयास कर बनना भी चाहिए। भारत को 1000 वर्ष की राजनैतिक गुलामी भुगतनी पड़ी। जिस कारण आम जनमानस में राष्ट्रीय चरित्र का अभाव सा प्रतीत होता हैं। व्यक्ति का चरित्र राष्ट्रीय भावना से ओतप्रोत होना चाहिए। देश,धर्म और समाज के प्रति कुछ कर गुजरने का भाव प्रत्येक व्यक्ति के अंदर समाहित होना चाहिए। पूज्य संतो के मार्गदर्शन में श्रीराम मंदिर का निर्माण हो रहा है। इस जिम्मेदारी का निमित्त विश्व हिन्दू परिषद बना हैं। 22जनवरी को अयोध्या में श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के दिन देश के समस्त जनमानस अपने नजदीकी मंदिरों में सामूहिक रुप से उपस्थित होकर विजय महामंत्र का जाप करेंगे तथा अपने घरों में कम से कम 5दीपक अवश्य जलाएंगे। यह आव्हान भी विश्व हिन्दू परिषद ने किया हैं। सम्पूर्ण देश के 5 लाख मंदिरों में हिन्दू समाज एकत्र होकर श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का दर्शन करें। श्रीराम की सामाजिक समरसता, तत्व ज्ञान को प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में धारण करना चाहिए। केवट और शबरी प्रसंग को जीवन का आधार बनाना चाहिए। श्रीराम के चरित्र से प्रेरणा लेकर शक्ति साधना को दुष्ट दमन में उपयोग करना चाहिए। देश में अब कोई मंदिर तोड़ने का साहस नहीं कर सकता। विश्व हिन्दू परिषद समस्त हिन्दू समाज को अयोध्या आकर श्रीराम मंदिर के दर्शन का निमंत्रण देती है।. साध्वी ऋतम्बरा ने वात्सल्य वाटिका को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सेवा संकल्प की साधना का वात्सल्य वृक्ष आज फलित हो गया है। यहां से रोजगार उन्मुख पालन पोषण सिंचित चरित्रवान नवयुवक आज समाज की सेवा के माध्यम से नेतृत्व करने को निकल रहें हैं। उन्होंने हिंदुत्व के पुरोधा और हिन्दू संगठन के पैरोकार अशोक सिंघल को याद करते हुए कहा कि उन्होंने देश के समस्त संतों के साथ हिन्दू समाज को एक मंच पर एकत्र कर श्रीराम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया था। अशोक सिंघल की प्रेरणा से ही विश्व हिन्दू परिषद का सेवा प्रकल्प वात्सल्य वाटिका की स्थापना हुई थी। आज 500 वर्षों के संघर्ष और बलिदान की हिन्दू समाज की साधना श्रीराम मंदिर के रुप में फलीभूत होने जा रही हैं। वात्सल्य वाटिका की तुलना मां यशोदा से करते हुए कहा कि मां रचना नही रचनाधर्मी होती है। साध्वी ऋतम्बरा ने समस्त हिन्दू समाज को चरित्रवान संतान का आशीर्वाद दिया। जो देश,धर्म के कार्य में योगदान दे। श्रीराम मंदिर निर्माण समर्पण निधि अभियान में हिन्दू समाज आशा से प्रफुल्लित था कि भगवान के दर्शन करने का सौभाग्य अब प्राप्त होगा। इस अवसर पर आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि वात्सल्य वाटिका जैसे सेवा प्रकल्प समाज के सहयोगी चरित्र का वास्तविक दर्शन हैं। उन्होंने अशोक सिंघल के विराट व्यक्तित्व,समाज के लिए सेवाभाव, समर्पण, धर्म परायणता का दर्शन वात्सल्य वाटिका में दर्शित होता हैं। व्यक्ति को अपनी संतान को संपत्ति नहीं संस्कार देने चाहिए। आज धर्म के नाम पर भारतीय संस्कृति को दबाने और कुचलने के षडयंत्र नहीं चलने वाले हैं। इस अवसर पर महामंडलेश्वर सुरेंद्रानंद महाराज, स्वामी ललितानंद गिरी महाराज,साध्वी सत्यप्रिया,विश्व हिन्दू परिषद सेवा विभाग संयुक्त क्षेत्र संगठन मंत्री राधेश्याम तिवारी, क्षेत्र संगठन मंत्री सोहन सिंह सोलंकी,प्रान्त संगठन मंत्री अजय आर्य,प्रान्त अध्यक्ष विहिप रविदेव आनंद,साध्वी मैत्रेई गिरी महाराज,सुदर्शन अग्रवाल,राजेश कुमार,यू.सी.जैन,विधायक आदेश चौहान,सुशील चौहान,संजीव गुप्ता,नवीन मोहन, भारत गगन अग्रवाल आदि सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।
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