हरिद्वार। जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों में करवा चौथ की जबरदस्त धूम रही। जगजीतपुर, मिसरपुर, अजीतपुर,सुल्तानपुर,पदार्थ,रानीमाजरा,लक्सर,खानपुर,लंढौरा समेत विभिन्न गांव में करवा चौथ के व्रत और पूजन को लेकर महिलाओं में तथा ग्रामीण लोगों में बेहद उत्साह नजर आया और अब ग्रामीण परिवेश से जुड़ी हुई महिलाएं अहोई अष्टमी के व्रत की तैयारी कर रही हैं। आज दिन भर ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं ने जबर्दस्त खरीदारी की है। मिसरपुर गांव की रहने वाली आरती सैनी ने बताया कि करवा चौथ को लेकर पूरे ग्रामीण इलाकों में महिलाओं में जबरदस्त उत्साह था और अब उतना ही उत्साह अहोई अष्टमी को होने वाले व्रत को लेकर है। अहोई अष्टमी रविवार 5 नवंबर को है। जहां करवा चौथ का व्रत महिलाएं अपने पति के दीर्घायु और स्वस्थ जीवन और अपने अखंड सौभाग्य के लिए रखती हैं। वहीं अहोई अष्टमी का व्रत महिलाएं अपनी संतान की सुख समृद्धि दीर्घायु और उनके स्वस्थ जीवन और उज्जवल भविष्य के लिए रखती हैं।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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