हरिद्वार। निराश्रित गौवंश का सहारा बनी मां गंगा समाज सेवा समिति ट्रस्ट द्वारा संचालित श्रीकृष्ण कृपा कामधेनू गौशाला निराश्रित, घायल एवं विकलांग गौवंश को आश्रय देने के साथ उपचार व देखभाल के पुनीत कार्य में अहम भूमिका निभा रही है। भीमगोड़ा के निकट चमगादड़ टापू में चल रही गौशाला में बुधवार को घायल एवं बीमार 3 निराश्रित गौवंश को आश्रय देने के साथ उनका उपचार भी किया गया। संस्था के अध्यक्ष अनिकेत गिरी ने बताया कि संस्था पिछले कई वर्षो से निरंतर सड़क दुर्घटना में चोटिल एवम बीमार गौवंश का उपचार व देखभाल कर रही है। संस्था की टीम जहां भी कोई निराश्रित, घायल या बीमार गौवंश मिलता है,उसे लाकर संस्था में आश्रम देते हैं। बुधवार को बीमार एवं घायल अवस्था में लायी गयी तीन गायों के उपचार के बाद उनमें से दो हालत में सुधार हुआ है। जबकि एक गाय गंभीर बीमारी से ग्रस्त है। उसका अभी उपचार किया जा रहा है। संस्था के प्रचार मंत्री अभिषेक गिरि ने बताया कि जल्द ही कार्यकारणी का विस्तार कर अधिक से अधिक युवाशक्ति को संस्था से जोड़ा जाएगा। गौवंश को रेस्क्यु करने के अभियान में आकाश गोस्वामी,अंकुश कुमार,मोहन गिरि,विष्णु शर्मा,रुद्र गिरि आदि शामिल रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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