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पवित्र छड़ी गढ़वाल के केदार खंड के प्रथम चरण की समाप्ति पर पहुंची


 हरिद्वार। श्री पंचदश नाम जूना अखाड़े की पवित्र छड़ी उत्तराखंड के समस्त पौराणिक तीर्थ की यात्रा के क्रम में गढ़वाल के केदार खंड के प्रथम चरण की समाप्ति पर पहुंच गई है। मंगलवार को पवित्र छड़ी ने बाबा केदारनाथ के दर्शन किए तथा नागा संन्यासियों व साधु संतों के जत्थे ने हर हर महादेव के जयघोष के साथ बाबा केदारनाथ धाम का गंगोत्री के जल से अभिषेक किया। नागा संन्यासियों का जत्था अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष व छड़ी के प्रमुख श्री महंत प्रेम गिरि महाराज,श्री महंत शिव दत्त गिरी,श्री महंत पुष्कर राजगिरी के नेतृत्व में लगभग 22किलोमीटर की दुर्गम पर्वतीय चढ़ाई पर कर लगभग 12ः00केदारनाथ धाम पहुंची। जहां बद्री केदार समिति के कार्याधिकारी आर.सी.तिवारी,मंदिर के मुख्य पुजारी प्रदीप सेमवाल ,प्रशासन की ओर से उप राजस्व निरीक्षक गिरीश चंद्र व अन्य अधिकारियों ने पवित्र छड़ी की पूजा अर्चना कर स्वागत किया। केदारनाथ धाम में मौजूद हजारों श्रद्धालुओं ने पवित्र छड़ी के दर्शन कर साधु संतों का आशीर्वाद प्राप्त किया और छड़ी की पूजा अर्चना कर साधु संतों का पुष्प वर्षा से स्वागत किया। केदारनाथ धाम के गर्भ गृह में साधु संतों ने पवित्र छड़ी के साथ बाबा केदारनाथ के दर्शन कर वैदिक मंत्रोच्चार के साथ बाबा की स्तुति की और सर्वे भवंतु सुखिनःसर्वे संतु निरामया का आशीर्वाद मांगा। श्री केदारनाथ बाबा के दर्शनों के पश्चात पवित्र छरी रात्रि विश्राम के लिए गौरीकुंड पहुंची। बुधवार प्रातःपवित्र छड़ी ने पौराणिक तीर्थ त्रिजुगीनारायण के दर्शन किए। ज्ञात रहे इस तीर्थ में भगवान शिव तथा पार्वती माता का विवाह हुआ था और विवाह की अग्निकुंड की अग्नि आज भी अनवरत प्रज्वलित है। त्रियुगी नारायण तीर्थ के मुख्य पुरोहित पंडित सच्चिदानंद पंडित,मोहन प्रसाद,पंडित प्रकाश चंद,पंडित बृजमोहन ,पंडित सूरज प्रसाद,योगेंद्र प्रसाद ने पवित्र छड़ी का स्वागत किया और मंदिर में पूजा अर्चना कराई। यहां से पवित्र छड़ी गुप्तकाशी मंदिर पहुंची। जहां आशुतोष भगवान शिव की पूजा अर्चना व जलाभिषेक कर ऊखीमठ पहुंची,ऊखीमठ में शीतकाल में भगवान बद्री विशाल विराजते हैं। यहां पूजा अर्चना के पश्चात पवित्र छडी रात्रि विश्राम के लिए चमोली पहुंच गई। श्रीमहंत प्रेम गिरि महाराज ने बताया पवित्र छड़ी गढ़वाल मंडल की यात्रा के अंतिम चरण में गुरुवार को जोशीमठ में पौराणिक मंदिर में भ्रमणकर शुक्रवार को बद्रीनाथ धाम पहुंचेगी।


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