हरिद्वार। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के स्थानीय सेवाकेन्द्र अनुभूतिधाम मिस्सरपुर हरिद्वार के तत्वावधान में भाई दूज के उपलक्ष्य में स्थानीय सेवाकेन्द्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी मीना बहन जी ने कहा कि भारत जो पहले सोने की चिडिया थी आज मनुष्य आत्माओं द्वारा पतित बनने के कारण भारत भी पतित(कंगाल) हो गया है। रूहानी व शारीरिक पर्सनैलिटी को क्लीयर करते हुए बताया कि पर्सनैलिटी ही किसी को अपनी ओर आकर्षित करती है शारीरिक पर्सनैलिटी वाली मनुष्य आत्माओं के चेहरे पर परिस्थितियों के अनुसार कभी प्रश्नचित्त व कभी प्रसन्नचित्त के भाव आते रहते है जबकि परमात्म शक्तियों से भरपूर मनुष्य आत्माएं हमेशा कारण को निवारण में बदल अपने चेहरे व चलन में सदा प्रसन्नता की पर्सनैलिटी से भरपूर रहती है। आगे दीदी ने मेडिटेशन कराते हुए कहा कि अपनी सांसो के आने व जाने को महसूस करते हुए अपना सारा ध्यान भृकुटि के बीच जहां हम बिन्दी लगाते है या तिलक लगाते है वहां केन्द्रीत करके अपने मन में आने जाने वाले विचारों को देखेगंे जैसे ही हम अपने विचारों को देखते है हमारे विचारों की गति धीमें होने लगती है अब एक पावरफुल थॉट क्रीएट करते है-आज का दिन बहुत अच्छा है। मैं परिस्थितियों से अधिक शक्तिशाली हॅंू,परमात्मा का शुक्रिया आदि-आदि। सभी ने मेडिटेशन का अभ्यास लिया। कार्यक्रम के पश्चात सभी भाई-बहनों को तिलक लगाकर सभी का मुख मीठा कराया गया। कार्यक्रम में अशोक कुमार,डॉ0 रामानन्द,सुशील गुप्ता,जय कुमार,रणवीर कुमार,सुशील कुमार ,विजयपाल,मनीष,धर्मपाल यादव,राजकुमार उपाध्याय एडवोकेट,सुमन,अर्चना,माला,ब्रिजेश,बी.के.रजनी, बी.के.दीपिका, बी.के. धीरज आदि ने लाभ लिया।
हरिद्वार। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के स्थानीय सेवाकेन्द्र अनुभूतिधाम मिस्सरपुर हरिद्वार के तत्वावधान में भाई दूज के उपलक्ष्य में स्थानीय सेवाकेन्द्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी मीना बहन जी ने कहा कि भारत जो पहले सोने की चिडिया थी आज मनुष्य आत्माओं द्वारा पतित बनने के कारण भारत भी पतित(कंगाल) हो गया है। रूहानी व शारीरिक पर्सनैलिटी को क्लीयर करते हुए बताया कि पर्सनैलिटी ही किसी को अपनी ओर आकर्षित करती है शारीरिक पर्सनैलिटी वाली मनुष्य आत्माओं के चेहरे पर परिस्थितियों के अनुसार कभी प्रश्नचित्त व कभी प्रसन्नचित्त के भाव आते रहते है जबकि परमात्म शक्तियों से भरपूर मनुष्य आत्माएं हमेशा कारण को निवारण में बदल अपने चेहरे व चलन में सदा प्रसन्नता की पर्सनैलिटी से भरपूर रहती है। आगे दीदी ने मेडिटेशन कराते हुए कहा कि अपनी सांसो के आने व जाने को महसूस करते हुए अपना सारा ध्यान भृकुटि के बीच जहां हम बिन्दी लगाते है या तिलक लगाते है वहां केन्द्रीत करके अपने मन में आने जाने वाले विचारों को देखेगंे जैसे ही हम अपने विचारों को देखते है हमारे विचारों की गति धीमें होने लगती है अब एक पावरफुल थॉट क्रीएट करते है-आज का दिन बहुत अच्छा है। मैं परिस्थितियों से अधिक शक्तिशाली हॅंू,परमात्मा का शुक्रिया आदि-आदि। सभी ने मेडिटेशन का अभ्यास लिया। कार्यक्रम के पश्चात सभी भाई-बहनों को तिलक लगाकर सभी का मुख मीठा कराया गया। कार्यक्रम में अशोक कुमार,डॉ0 रामानन्द,सुशील गुप्ता,जय कुमार,रणवीर कुमार,सुशील कुमार ,विजयपाल,मनीष,धर्मपाल यादव,राजकुमार उपाध्याय एडवोकेट,सुमन,अर्चना,माला,ब्रिजेश,बी.के.रजनी, बी.के.दीपिका, बी.के. धीरज आदि ने लाभ लिया।
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