हरिद्वार। उत्तराखंड मे भाजपा सरकार में दर्जाधारी राज्यमंत्री रहे और राम जन्मभूमि आंदोलन मे सक्रिय भागीदारी से लेकर जेल यात्रा तक करने वाले अशोक त्रिपाठी ने 22जनवरी को अयोध्या आने पर लगाए गये प्रतिबंधों को करोडो रामभक्तो की भावनाओं पर कुठाराघात बताया है। पत्रकारों से बात करते हुए अशोक त्रिपाठी ने कहा कि ट्रस्ट को लोगो को आने से रोकने का कोई अधिकार नहीं है। मंदिर सुप्रीम कोर्ट के आदेश से बन रहा है और ट्रस्ट केवल मंदिर निर्माण तक के लिए है। उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए इस बात पर भी खेद जताया की मंदिर निर्माण के लिए देश की दिशा और दशा तय करने वाली लालकृष्ण आडवाणी की रथ यात्रा को बिहार के समस्तीपुर मे रोक कर आडवाणी को गिरफ्तार करने वाले तत्कालीन डीम आज केंद्र सरकार मे मंत्री है। उन्होंने कहा कि यही नहीं अयोध्या आंदोलन के दौरान यूपी की तत्कालीन मुलायम सरकार मे सचिव मंदिर निर्माण का काम देख रहे है। अशोक त्रिपाठी ने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम मे ऐसे लोगो को निमंत्रण भेजा जा रहा है। जिनका मंदिर निर्माण आंदोलन से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं रहा। जबकि मंदिर निर्माण आंदोलन के प्रमुख लोगो मे एक रहे स्वामी चिन्मयानंद जैसे सतों को मंदिर ट्रस्ट की और से निमंत्रण नहीं भेजा गया।
हरिद्वार। उत्तराखंड मे भाजपा सरकार में दर्जाधारी राज्यमंत्री रहे और राम जन्मभूमि आंदोलन मे सक्रिय भागीदारी से लेकर जेल यात्रा तक करने वाले अशोक त्रिपाठी ने 22जनवरी को अयोध्या आने पर लगाए गये प्रतिबंधों को करोडो रामभक्तो की भावनाओं पर कुठाराघात बताया है। पत्रकारों से बात करते हुए अशोक त्रिपाठी ने कहा कि ट्रस्ट को लोगो को आने से रोकने का कोई अधिकार नहीं है। मंदिर सुप्रीम कोर्ट के आदेश से बन रहा है और ट्रस्ट केवल मंदिर निर्माण तक के लिए है। उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए इस बात पर भी खेद जताया की मंदिर निर्माण के लिए देश की दिशा और दशा तय करने वाली लालकृष्ण आडवाणी की रथ यात्रा को बिहार के समस्तीपुर मे रोक कर आडवाणी को गिरफ्तार करने वाले तत्कालीन डीम आज केंद्र सरकार मे मंत्री है। उन्होंने कहा कि यही नहीं अयोध्या आंदोलन के दौरान यूपी की तत्कालीन मुलायम सरकार मे सचिव मंदिर निर्माण का काम देख रहे है। अशोक त्रिपाठी ने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम मे ऐसे लोगो को निमंत्रण भेजा जा रहा है। जिनका मंदिर निर्माण आंदोलन से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं रहा। जबकि मंदिर निर्माण आंदोलन के प्रमुख लोगो मे एक रहे स्वामी चिन्मयानंद जैसे सतों को मंदिर ट्रस्ट की और से निमंत्रण नहीं भेजा गया।
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