हरिद्वार। श्री राधा रसिक बिहारी भागवत परिवार सेवा ट्रस्ट के तत्वावधान में वसंत विहार कॉलोनी ज्वालापुर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिवस की कथा सुनाते हुए भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने श्रीकृष्ण की लीलाओं का वर्णन करते हुए बताया कि धर्म रक्षा के लिए जन्म लेने वाले भगवान श्रीकृष्ण ने बाल्य काल में ही कंस समेत अनेका राक्षसों का संहार कर बृजवासियों और सनातन धर्म की रक्षा की। शास्त्री ने कि वर्तमान में अनेक प्रकार की राक्षसी प्रवृत्तियों के लोग समाज में बढ़ रहे हैं। अंग्रेजी नव वर्ष के माध्यम से पाश्चात्य संस्कृति को बढ़ावा दिया जा रहा है। पाश्चात्य संस्कृति और अधर्म को रोकने के लिए समय-समय पर धार्मिक कथाओं का आयोजन किया जाना चाहिए। शास्त्री ने बताया कि बच्चों और युवा पीढ़ी को सनातन धर्म संस्कृति के प्रति जागरूक करने के लिए प्रतिवर्ष ट्रस्ट की और से श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जाता है। उन्होंने कहा कि सनातन परंपरा के अनुसार चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से हिंदू नववर्ष की शुरूआत होती है। इसलिए सनातन धर्म को मानने वालों को चैत्र शुक्त प्रतिपदा और प्रथम नवरात्र को ही नववर्ष मनाना चाहिए। कथा के दौरान देवी रुक्मणी एवं द्वारकाधीश का विवाह महोत्सव धूमधाम से मनाया। इस अवसर पर मुख्य जजमान सचिन शर्मा,कुलदीप शर्मा,ममता चौहान,शांति दर्गन,तिलकराज दर्गन ,स्वेता दर्गन,सुमित दर्गन,वीना धवन,अंसुल धवन, विजेंद्र गोयल,मंजू गोयल,प्रमोद पंाधी, अंजु पांधी,रंजना सचदेवा, रघुवीर कौर,संजीव मेहता,राजीव मेहता,प्रीती मेहता,भावना मेहता आदि ने भागवत पूजन किया।
हरिद्वार। श्री राधा रसिक बिहारी भागवत परिवार सेवा ट्रस्ट के तत्वावधान में वसंत विहार कॉलोनी ज्वालापुर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिवस की कथा सुनाते हुए भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने श्रीकृष्ण की लीलाओं का वर्णन करते हुए बताया कि धर्म रक्षा के लिए जन्म लेने वाले भगवान श्रीकृष्ण ने बाल्य काल में ही कंस समेत अनेका राक्षसों का संहार कर बृजवासियों और सनातन धर्म की रक्षा की। शास्त्री ने कि वर्तमान में अनेक प्रकार की राक्षसी प्रवृत्तियों के लोग समाज में बढ़ रहे हैं। अंग्रेजी नव वर्ष के माध्यम से पाश्चात्य संस्कृति को बढ़ावा दिया जा रहा है। पाश्चात्य संस्कृति और अधर्म को रोकने के लिए समय-समय पर धार्मिक कथाओं का आयोजन किया जाना चाहिए। शास्त्री ने बताया कि बच्चों और युवा पीढ़ी को सनातन धर्म संस्कृति के प्रति जागरूक करने के लिए प्रतिवर्ष ट्रस्ट की और से श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जाता है। उन्होंने कहा कि सनातन परंपरा के अनुसार चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से हिंदू नववर्ष की शुरूआत होती है। इसलिए सनातन धर्म को मानने वालों को चैत्र शुक्त प्रतिपदा और प्रथम नवरात्र को ही नववर्ष मनाना चाहिए। कथा के दौरान देवी रुक्मणी एवं द्वारकाधीश का विवाह महोत्सव धूमधाम से मनाया। इस अवसर पर मुख्य जजमान सचिन शर्मा,कुलदीप शर्मा,ममता चौहान,शांति दर्गन,तिलकराज दर्गन ,स्वेता दर्गन,सुमित दर्गन,वीना धवन,अंसुल धवन, विजेंद्र गोयल,मंजू गोयल,प्रमोद पंाधी, अंजु पांधी,रंजना सचदेवा, रघुवीर कौर,संजीव मेहता,राजीव मेहता,प्रीती मेहता,भावना मेहता आदि ने भागवत पूजन किया।
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