हरिद्वार। तपोनिधि श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में संत महापुरूषों ने अखाड़े के पूर्व सचिव एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के पूर्व अध्यक्ष ब्रह्मलीन महंत रामेश्वर पुरी के सनातन धर्म संस्कृति के संरक्षण संवर्द्धन में योगदान का स्मरण करते हुए उन्हे श्रद्धासुमन अर्पित किए। निरंजनी अखाड़े में आयोजित श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए निंरजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रामरतन गिरी महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत रामेश्वर पुरी महाराज तपस्वी संत थे। ब्रह्मलीन महंत रामेश्वर पुरी महाराज ने जीवन पर्यन्त धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार के साथ अखाड़ा परंपरा को मजबूत करने में योगदान दिया। स्वामी राजगिरी एवं स्वामी रविपुरी महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत रामेश्वर पुरी महाराज ने संत परंपरांओं का पालन करते हुए निरंजनी अखाड़े की प्रगति में योगदान दिया। उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए मानव कल्याण का संकल्प ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि है। स्वामी आशुतोष पुरी,स्वामी रवि वन,महंत हरगोविंद पुरी,महंत ओंकार गिरी,स्वामी रविपुरी,स्वामी गंगा गिरी,एसएमजेएन कालेज के प्राचार्य डा.सुनील बत्रा,मनसा देवी मंदिर के ट्रस्टी अनिल शर्मा सहित बड़ी संख्या में संत महंत उपस्थित रहे। दूसरी और अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज के संयोजन में दिल्ली स्थित ब्रह्मलीन महंत रामेश्वरपुरी के आश्रम में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। जिसमें पूरे देश के अनेक संत महापुरूष शामिल हुए और ब्रह्मलीन महंत रामेश्वर पुरी को श्रद्धांजलि अर्पित की।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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