हरिद्वार। संत शिरोमणी रविदास मंदिर समिति कनखल द्वारा गुरू रविदास जयंती के उपलक्ष्य में निकाली गयी भव्य शोभायात्रा का श्री वाल्मिीकि समाज पंचायत कमेटी ने पुष्पवर्षा कर स्वागत किया। नगर भ्रमण के दौरान शोभायात्रा के बाल्मिीकि आश्रम पहुंचने पर वाल्मिीकि समाज पंचायत कमेटी के पदाधिकारियों और सदस्यों ने बाल्मिीकि आश्रम के महंत मानदास महाराज के संयोजन में गुरू रविदास की मूर्ति पर माल्यार्पण और पुष्पवर्षा कर स्वागत किया और श्रद्धालुओं को मिष्ठान वितरित किया। इस दौरान महंत मानदास महाराज ने कहा कि संत शिरोमणी गुरू रविदास ने बिना भेदभाव के आपसी प्रेमभाव की शिक्षा दी। उन्होंने कहा कि संत रविदास के विचार और शिक्षाएं आडंबर छोड़कर सरल जीवन जीने की प्रेरणा देते है। संत शिरोमणि रविदास उन महान पुरुषों में से एक है। जिन्होंने समाज की धारा का रुख मोड़ दिया था। उनके दोहों और पदों से आम जनता को मार्गदर्शन मिला और उद्धार हुआ। सहृदयी स्वभाव के संत रविदास संत ने जीवन पर्यन्त तत्कालीन समाज में व्याप्त जाति प्रथा का विरोध किया और कर्म को महत्ता दी। संत रविदास की शिक्षाएं सदैव प्रासंगिक रहेंगी। स्वागत करने वालों में श्रीवाल्मीकि समाज पंचायत कमेटी के अध्यक्ष आत्माराम बेनीवाल, अशोक तेश्वर,नाथीराम पेवल,जगदीश वैद,नीरज छाछर,अशोक वैद,सोनू चंचल,उमेश कुमार, लवकेश चंचल,चंद्रभान,चेतराम तेश्वर,भभूतिराम तेश्वर,शिव प्रसाद छाछर,सुभाष तेश्वर,संजू चंचल ,छोटू,जानू पेवल,अजय वैद,विपिन पेवल,राजेश आदि शामिल रहे।
हरिद्वार। संत शिरोमणी रविदास मंदिर समिति कनखल द्वारा गुरू रविदास जयंती के उपलक्ष्य में निकाली गयी भव्य शोभायात्रा का श्री वाल्मिीकि समाज पंचायत कमेटी ने पुष्पवर्षा कर स्वागत किया। नगर भ्रमण के दौरान शोभायात्रा के बाल्मिीकि आश्रम पहुंचने पर वाल्मिीकि समाज पंचायत कमेटी के पदाधिकारियों और सदस्यों ने बाल्मिीकि आश्रम के महंत मानदास महाराज के संयोजन में गुरू रविदास की मूर्ति पर माल्यार्पण और पुष्पवर्षा कर स्वागत किया और श्रद्धालुओं को मिष्ठान वितरित किया। इस दौरान महंत मानदास महाराज ने कहा कि संत शिरोमणी गुरू रविदास ने बिना भेदभाव के आपसी प्रेमभाव की शिक्षा दी। उन्होंने कहा कि संत रविदास के विचार और शिक्षाएं आडंबर छोड़कर सरल जीवन जीने की प्रेरणा देते है। संत शिरोमणि रविदास उन महान पुरुषों में से एक है। जिन्होंने समाज की धारा का रुख मोड़ दिया था। उनके दोहों और पदों से आम जनता को मार्गदर्शन मिला और उद्धार हुआ। सहृदयी स्वभाव के संत रविदास संत ने जीवन पर्यन्त तत्कालीन समाज में व्याप्त जाति प्रथा का विरोध किया और कर्म को महत्ता दी। संत रविदास की शिक्षाएं सदैव प्रासंगिक रहेंगी। स्वागत करने वालों में श्रीवाल्मीकि समाज पंचायत कमेटी के अध्यक्ष आत्माराम बेनीवाल, अशोक तेश्वर,नाथीराम पेवल,जगदीश वैद,नीरज छाछर,अशोक वैद,सोनू चंचल,उमेश कुमार, लवकेश चंचल,चंद्रभान,चेतराम तेश्वर,भभूतिराम तेश्वर,शिव प्रसाद छाछर,सुभाष तेश्वर,संजू चंचल ,छोटू,जानू पेवल,अजय वैद,विपिन पेवल,राजेश आदि शामिल रहे।
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