हरिद्वार। इएमए केन्द्रीय कार्यालय बालाजी इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव मेडिकल साइंस एंड रिसर्च सेंटर ज्वालापुर में वल्र्ड टीबी डे पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में टीबी रोग के संक्रमण,बचाव,रोकथाम,जागरूकता एवं चिकित्सा विषय पर विचार रखते हुए इएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा.केपीएस चैहान ने कहा कि शरीर में कोई भी रोग तब उत्पन्न होता है। जब शरीर की इम्यूनिटी पावर कम हो जाती है। डा.चैहान ने कहा कि आज के दिन डा.रोबर्ट कोक ने टीबी के जीवाणु की खोज की थी। इसलिए टीबी को कोक साईन नाम से भी जाना जाता है। टीबी रोग एक प्रकार के संक्रामक जीवाणु बेसिलस माइक्रोबैक्टीरियम द्वारा होता और फैलता है। टी बी,फेफड़े,त्वचा,मस्तिष्क,गुर्दे,हड्डियों, आंत्र, किसी भी अंग में हो सकती है। इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए संक्रांमित रोगी का बलगम, मल, वमन आदि को नष्ट करें व रोगी द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली वस्तुएं को स्वस्थ व्यक्ति की पहुंच से दूर रखें। डा.चैहान ने कहा कि प्रधानमंत्री के टीबी मुक्त भारत अभियान को सफल बनाने में इएमए अपनी सहभागिता निभा रही है।
Comments
Post a Comment