हरिद्वार। वात्सल्य वाटिका (बहादराबाद) पतित पावनी माँ गंगा के तट पर स्थित विश्व हिन्दू परिषद् की योजनान्तर्गत स्वामी ओमप्रकाशानन्द तीर्थगंगा श्रीजनसेवा न्यास द्वारा संचालित वात्सल्य वाटिका बहादराबाद (हरिद्वार) में शनिवार को भव्य भागवत कथा का शुभारंभ विश्व हिन्दू परिषद् के केन्द्रीय मन्त्री एवं अखिल भारतीय सेवा प्रमुख अजेय कुमार पारीक के कर कमलों द्वारा किया गया। वात्सल्य वाटिका में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा संगीतमय तेजस्वी संत श्रीपंचायती महानिर्वाणी अखाडा श्रीवनखण्डेश्वर पीठाधीश्वर श्री वृद्विकेशी पीठाधीश्वर महामण्डलेश्वर डा0 सुरेन्द्रानन्दगिरी जी महाराज, अध्यक्ष श्री गंगा तीर्थ संस्कृत महाविद्यालय गंगा धाम आश्रम, रामघाट, बुलन्दशहर के श्रीमुख से सम्पन्न होगी। वात्सल्य वाटिका प्रागंण से प्रातः 8ः00बजे भव्य कलश यात्रा का आयोजन हुआ जिसमें लगभग 108महिलाओं द्वारा बैण्ड बाजे व सुन्दर झाँकियों के द्वारा वात्सल्य वाटिका के बालकों के साथ कलश शोभायात्रा निकाली गई। बालकों ने घोष बजाकर यात्रा को भव्य रूप प्रदान किया। बहादराबाद निवासियों द्वारा पुष्पवर्षा द्वारा स्वागत किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ प्रबन्धक प्रदीप मिश्रा एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती पूनम मिश्रा ने संकल्प के साथ किया जिसमें उनके साथ राजेन्द्र सैनी,बसन्त चैहान एवं राजेश कुमार सभी अपनी धर्मपत्नियों के साथ संकल्प कार्यक्रम एवं पूजन में मौजूद रहे। इस अवसर पर अध्यक्ष जे.सी.जैन चांसलर कोर काॅलेज रूडकी,मार्गदर्शक के रूप में राधेश्याम द्विवेदी संयुक्त क्षेत्र सेवा प्रमुख उत्तराखण्ड ,उत्तर प्रदेश, सह संयोजक चतरसैन रूडकी ,कोषाध्यक्ष लीलाराम गुप्ता,अनुष्ठान प्रमुख नरेश वर्मा समाज सेवी,शोभायात्रा प्रमुख श्रीमती विमलेश गौड एवं मानसी भार्गव,अनिल भारती प्रान्त सेवा प्रमुख(वि.हि.प.), सुरेश ,श्रीमती रजनी राणा,दीपक धीमान,श्रीमती नीता कपूर,संध्या कौशिक, श्रीमती प्रगति चैहान, अर्चना श्रीवास्तव,किरण बाला,पूजा मिश्रा,समस्त कार्यकारिणी सदस्य एवं समस्त स्टाॅफ तथा यशोदा माता मौजूद रही।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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