हरिद्वार। रमजान के दूसरे जुमे की नमाज शहर एंव ग्रामीण क्षेत्रों की मस्जिदों में अदा की। नमाज से पहले मौलानाओं ने रमजान की अहमियत को समझें और इबादत करें। ईद की नमाज से पहले जकात और फितरा देना जरूरी है। नमाज के बाद देश की खुशहाली और दुआएं मांगी गई। जुमे की नमाज के चलते मस्जिदें नमाजियों से भरी रही। जुमे को लेकर नामाजियों मे जबरदस्त उत्साह दिखाई दिया। मौलाना इकबाल अहमद ने कहा कि रमजान का पवित्र महीना साल के 12 महीनों में बहुत खास होता है। रमजान माह की अहमियत को समझते हुए इसकी कद्र करनी चाहिए। गरीब और मिस्कीमों की मदद करने से अल्लाह खुश होता है। दौलतमंद इंसान को अपनी दौलत की ढ़ाई प्रतिशत जकात निकालकर गरीबों की मदद करनी चाहिए। कहा कि रमजान मे गुनाहों की माफी अल्लाह से मांगनी चाहिए। पैगम्बर मोहम्मद साहब के बताए मार्ग पर चलना चाहिए। कलाम पाक की तिलावत करें। मंडी की मस्जिद के पेश इमाम हाफिज कुतुबद्दीन ने कहा कि रमजान खुदा की इबादत का महीना है। इस पाक माह में अल्लाह की रहमत और बरकतें नाजिल होती हैं। मस्जिद ए कोट निफ्सी आधो वाली के पेश इमाम कारी अब्दुल लतीफ ने कहा कि रमजान माह अल्लाह का होता है, इस माह में सच्चे दिल से मांगी जाने वाली हर दुआ कबूल होती है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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