संत समाज की दिव्य विभूति थे ब्रह्मलीन चन्द्र स्वामी उदासीन-बाबा रामदेव
हरिद्वार। साधना केंद्र आश्रम के परमाध्यक्ष चन्द्र स्वामी उदासीन महाराज के ब्रह्मलीन होने पर सभी तेरह अखाड़ों के संतों ने शोक व्यक्त करते हुए उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी। योग गुरू स्वामी रामदेव महाराज ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि ब्रह्मलीन चन्द्र स्वामी उदासीन महाराज संत समाज की दिव्य विभूति और महान आत्मा थे। उनके अचानक ब्रह्मलीन होने से श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन अखाड़े और समस्त आध्यात्मिक जगत को भारी क्षति हुई है। जिसे पूरा करना असंभव होगा। स्वामी रामदेव महाराज ने बताया कि अमरीका की एक प्रतिष्ठित पत्रिका ने 1991 में चन्द्र स्वामी महाराज को मैन आॅफ गाॅड की उपाधि प्रदान की थी। आचार्य बालकृष्ण महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन चन्द्र स्वामी उदासीन महाराज ने अपने दिव्य ज्ञान से पूरी दुनिया में सनातन धर्म संस्कृति और आध्यात्मिकता को आगे बढ़ाया। अध्यात्म और धर्म संस्कृति के विलक्षण विद्वान ब्रह्मलीन चन्द्र स्वामी महाराज के विचार और शिक्षाएं सदैव सभी को प्रेरणा देती रहेंगी। श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के महंत रघुमुनि महाराज ने कहा कि सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार के साथ अखाड़े की पंरपरांओं को आगे बढ़ाने में ब्रह्मलीन चन्द्र स्वामी महाराज का योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। सभी को उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए सनातन धर्म संस्कृति के संरक्षण संवर्द्धन में योगदान करना चाहिए। महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज ने कहा कि संत महापुरूष केवल देह त्याग करते हैं। उनकी आत्मा सदैव समाज और भक्तों का मार्गदर्शन करती है। चन्द्र स्वामी उदासीन महाराज के दिखाए मार्ग पर चलते हुए मानव कल्याण का संकल्प ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि है। गौ गंगा सेवा धाम ट्रस्ट के अध्यक्ष स्वामी निर्मलदास महाराज ने कहा कि भक्तों को ज्ञान की प्रेरणा देकर धर्म व अध्यात्म के मार्ग पर अग्रसर करने में ब्रह्मलीन चन्द्र स्वामी महाराज का अतुलनीय योगदान रहा। उनका आदर्शपूर्ण जीवन और विचार सदैव समाज को प्रेरणा देते रहेंगे।
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