हरिद्वार। उत्तराखंड पुलिस में आरक्षी के पद पर तैनात महिला कांस्टेबल पूनम सौरियाल महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी हुई हैं। मृदुभाषी एवं मिलनसार स्वभाव की पूनम सौरियाल ने महिला अपराधों के प्रति जनजागरूकता के लिए असाधारण कार्य किया है। जिसके लिए हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा उन्हें प्रथम पुरस्कार भी प्रदान किया गया है। पुलिस महकमे में जहां पुरुषों को भी विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। वहीं महिलाओं के लिए यह विभाग एक अलग तरह की चुनौती पेश करता है। इसके बावजूद महिला सशक्तिकरण के इस दौर में बड़ी संख्या में महिलाएं कैरियर के तौर पर पुलिस विभाग को चुन रही हैं। पुलिस विभाग में लंबे कार्यकाल के दौरान पूनम सौरियाल ने असाधारण उपलब्धियां हासिल की हैं। एक ओर जहां उन्होंने स्कूली छात्राओं के बीच जाकर महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों को रोकने के लिए तैयार की गई गौरा शक्ति एप का प्रचार-प्रसार किया। वहीं दूसरी ओर नुक्कड़ नाटकों सहित अन्य कार्यक्रमों के जरिए आमजन के बीच भी महिला अपराधों के प्रति जागरूकता फैलाने का महती कार्य किया। उनके मार्गदर्शन में 1300 से अधिक छात्राएं एवं महिलाएं गौरा शक्ति एप में पंजीकरण करा चुकी हैं। फिलहाल पथरी थाने में तैनात पूनम सौरियाल ने महिला हेल्प डेस्क में अपनी तैनाती के दौरान वहां आने वाली महिलाओं को न केवल आत्मीयता का एहसास कराया,उबल्कि उनके पारिवारिक झगड़ों का निदान करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पिछले काफी समय से पैर में चोट की समस्या से दो-चार होने के बावजूद आज भी वह अपने विभागीय एवं सामाजिक कर्तव्यों के प्रति सजग एवं सतर्क रहती हैं। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर पूनम सौरियाल से प्रेरित होकर अन्य महिलाएं भी महिला सशक्तिकरण के लिए कार्य करने को उद्यत हो रही हैं।
हरिद्वार। उत्तराखंड पुलिस में आरक्षी के पद पर तैनात महिला कांस्टेबल पूनम सौरियाल महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी हुई हैं। मृदुभाषी एवं मिलनसार स्वभाव की पूनम सौरियाल ने महिला अपराधों के प्रति जनजागरूकता के लिए असाधारण कार्य किया है। जिसके लिए हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा उन्हें प्रथम पुरस्कार भी प्रदान किया गया है। पुलिस महकमे में जहां पुरुषों को भी विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। वहीं महिलाओं के लिए यह विभाग एक अलग तरह की चुनौती पेश करता है। इसके बावजूद महिला सशक्तिकरण के इस दौर में बड़ी संख्या में महिलाएं कैरियर के तौर पर पुलिस विभाग को चुन रही हैं। पुलिस विभाग में लंबे कार्यकाल के दौरान पूनम सौरियाल ने असाधारण उपलब्धियां हासिल की हैं। एक ओर जहां उन्होंने स्कूली छात्राओं के बीच जाकर महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों को रोकने के लिए तैयार की गई गौरा शक्ति एप का प्रचार-प्रसार किया। वहीं दूसरी ओर नुक्कड़ नाटकों सहित अन्य कार्यक्रमों के जरिए आमजन के बीच भी महिला अपराधों के प्रति जागरूकता फैलाने का महती कार्य किया। उनके मार्गदर्शन में 1300 से अधिक छात्राएं एवं महिलाएं गौरा शक्ति एप में पंजीकरण करा चुकी हैं। फिलहाल पथरी थाने में तैनात पूनम सौरियाल ने महिला हेल्प डेस्क में अपनी तैनाती के दौरान वहां आने वाली महिलाओं को न केवल आत्मीयता का एहसास कराया,उबल्कि उनके पारिवारिक झगड़ों का निदान करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पिछले काफी समय से पैर में चोट की समस्या से दो-चार होने के बावजूद आज भी वह अपने विभागीय एवं सामाजिक कर्तव्यों के प्रति सजग एवं सतर्क रहती हैं। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर पूनम सौरियाल से प्रेरित होकर अन्य महिलाएं भी महिला सशक्तिकरण के लिए कार्य करने को उद्यत हो रही हैं।
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