हरिद्वार। शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग,गुरुकुल कांगडी विश्वविद्यालय मे बीपीईएस पाठयक्रम चतुर्थ सेमेस्टर के छात्रों के साथ संवाद करते हुये डा.शिवकुमार चौहान ने कहा कि अच्छे-बुरे गुणों की जटिल एवं सुव्यवस्थित रचना का नाम मनुष्य है। वाहय गुण एवं व्यवहार प्रदर्शन के आधार पर व्यक्ति को अच्छा अथवा बुरा मान लेना सही नही है। व्यक्ति के वास्तिविक गुण अथवा व्यवहार को जानने के लिए लीडरशिप एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। लीडरशिप व्यक्ति के आन्तरिक गुणों का दर्पण है। उन्होंने कहा कि लीडरशिप जीवन के आकर्षण का महत्वपूर्ण पहलु है। जिसके बल पर व्यक्ति का वैकल्पिक विश्लेषण कर व्यवहार के छिपे पक्ष को जानने मे मदद मिलती है। लीडर की विशेषताएं एवं उपलब्धियां बेहतर लीडरशिप की प्राथमिक जरूरत है। लीडर का अनुभव समस्या समाधान मे अहम रोल निभाता है। शिक्षा के क्षेत्र मे कैरियर बनाने वाले छात्रों को लीडरशिप के माध्यम से स्व-आकलन एवं साक्षात्कार को प्रभावी बनाने मे मदद मिलती है। इस दौरान छात्रों ने लीडरशिप के गुणों को जानने के लिए अनेक समसामायिक प्रश्नों के समाधान प्राप्त किये।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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