हरिद्वार। गर्मी बढ़ने के साथ ही जंगलों में बने प्राकृतिक स्रोत और तालाब सूख जाते हैं और जंगलों में रहने वाले जानवर पानी की तलाश में भटकने लगते हैं। जानवरों की प्यास बुझाने के लिए हरिद्वार वन विभाग ने जंगल में बने वाटर हॉल्स में पानी भरना शुरू कर दिया है। वन विभाग द्वारा किसानों के बोरवेल और टैंक के माध्यम से सूखे हुए वाटर हॉल्स में पानी भरा जा रहा है। गौरतलब है कि गर्मियों के सीजन में पानी की तलाश में अक्सर जंगली जानवर भटककर आबादी का रुख करते हैं और ऐसी स्थिति में मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं बढ़ जाती है। मानव-वन्यजीव संघर्ष को रोकने के लिए हरिद्वार वन विभाग ने जंगल के अंदर ही कृतिम वाटर हॉल्स बनाए हैं। किसानों के बोरवेल और टैंक के माध्यम से इन वाटर हॉल्स में पानी भरा जा रहा है। हरिद्वार वन विभाग की ये मुहिम रंग भी ला रही है। हाथी,चीतल,सांभर और हिरण जैसे अन्य कई जंगली जानवर वाटर हॉल्स में भरे पानी को पीकर अपनी प्यास बुझा रहे हैं। रेंज अधिकारी शैलेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि गर्मी की शुरुआत होते ही वाटर हॉल्स को भरने का काम शुरू कर दिया गया है। उनका प्रयास है कि जंगल के अंदर ही जानवरों को पर्याप्त मात्रा में पानी मिले।ताकि वो जंगलों से बाहर न आ पाएं। इससे उनकी प्यास तो बुझती ही है बल्कि मानव वन्यजीव संघर्ष भी नहीं होता।
हरिद्वार। गर्मी बढ़ने के साथ ही जंगलों में बने प्राकृतिक स्रोत और तालाब सूख जाते हैं और जंगलों में रहने वाले जानवर पानी की तलाश में भटकने लगते हैं। जानवरों की प्यास बुझाने के लिए हरिद्वार वन विभाग ने जंगल में बने वाटर हॉल्स में पानी भरना शुरू कर दिया है। वन विभाग द्वारा किसानों के बोरवेल और टैंक के माध्यम से सूखे हुए वाटर हॉल्स में पानी भरा जा रहा है। गौरतलब है कि गर्मियों के सीजन में पानी की तलाश में अक्सर जंगली जानवर भटककर आबादी का रुख करते हैं और ऐसी स्थिति में मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं बढ़ जाती है। मानव-वन्यजीव संघर्ष को रोकने के लिए हरिद्वार वन विभाग ने जंगल के अंदर ही कृतिम वाटर हॉल्स बनाए हैं। किसानों के बोरवेल और टैंक के माध्यम से इन वाटर हॉल्स में पानी भरा जा रहा है। हरिद्वार वन विभाग की ये मुहिम रंग भी ला रही है। हाथी,चीतल,सांभर और हिरण जैसे अन्य कई जंगली जानवर वाटर हॉल्स में भरे पानी को पीकर अपनी प्यास बुझा रहे हैं। रेंज अधिकारी शैलेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि गर्मी की शुरुआत होते ही वाटर हॉल्स को भरने का काम शुरू कर दिया गया है। उनका प्रयास है कि जंगल के अंदर ही जानवरों को पर्याप्त मात्रा में पानी मिले।ताकि वो जंगलों से बाहर न आ पाएं। इससे उनकी प्यास तो बुझती ही है बल्कि मानव वन्यजीव संघर्ष भी नहीं होता।
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