श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण करने से कल्याण का मार्ग प्रशस्त होता है- हरिनामदास पंडित चन्द्रसागर महाराज
हरिद्वार। रेलवे रोड़ स्थित श्री सुदर्शन आश्रम अखाड़ा के श्रीमहंत रघुवीर दास महाराज के संयोजन में साकेतवासी श्रीमहंत स्वामी सरस्वत्याचार्य महाराज की 33वीं पुण्यतिथी के उपलक्ष्य में आयोजित गुरूजन स्मृति महोत्सव के अवसर पर आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन की कथा का श्रवण कराते हुए कथाव्यास हरिनामदास पंडित चन्द्रसागर महाराज ने कहा कि भवसागर से पार कराने वाली श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण करने कल्याण का मार्ग प्रशस्त होता है। कथा के प्रभाव से जीवन पूरी तरह बदल जाता है। जीवन के सभी दुख-दर्द दुर हो जाते है। अंतःकरण में सद्विचारों का उदय होता है। जिससे परिवार में सुख समृद्धि का वास होता है। सभी को कथा श्रवण अवश्य करना चाहिए। श्रीमहंत रघुवीर दास महाराज ने श्रद्धालु भक्तों को आशीवर्चन प्रदान करते हुए कहा कि सभी वेद पुराणों का सार श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान की गंगा है। जिसे जितना ग्रहण करो। जिज्ञासा उतनी ही बढ़ती जाती है। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण और आयोजन दोनों परम् कल्याणकारी हैं। गंगा तट पर संत महापुरूषों के सानिध्य में कथा श्रवण करने से अतिरिक्त पुण्य फल की प्राप्ति होती है। इसलिए सभी को कथा श्रवण अवश्य करना चाहिए। लेकिन कथा श्रवण की सार्थकता तभी है। जब कथा से मिले ज्ञान को आचरण में धारण किया जाए। इस अवसर पर महंत सूरज दास ,महंत जयराम दास,महंत बिहारी शरण,स्वामी अंकित शरण पुजारी गिरीष दास सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन शामिल रहे।
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