हरिद्वार। गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में आयोजित दो दिवसीय शिक्षक गरिमा शिविर का शुक्रवार को समापन हो गया। शिविर में भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा से जुड़े मध्यप्रदेश व महाराष्ट्र के शिक्षक व शिक्षिकाएं शामिल रहे। शिविर के समापन समारोह को संबोधित करते हुए शांतिकुंज के वरिष्ठ कार्यकर्त्ता शिवप्रसाद मिश्र ने कहा कि प्राचीनकाल में जिस तरह गुुरु अपने आचरण व व्यवहार से शिष्यों को संस्कृति को पढ़ाने और उन्हें संस्कार देने का कार्य किया करते थे। युगऋषि पं.श्रीराम शर्मा आचार्य ने भी अपने शिष्यों को उसी प्रकार तैयार किया है। शिक्षकों को शिक्षण के साथ अपने आचरण व व्यवहार से विद्यार्थियों को तैयार करना चाहिए। देव संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलपति शरद पारधी ने अध्यापकों को युग निर्माता बताया। समापन अवसर पर मध्यप्रदेश के सीमा नामदेव,चंद्रमोहन गौड़,ज्योति दीक्षित,राजेश कुमार त्रिवेदी, रविशंकर पारखे तथा महाराष्ट्र के रजनी लुंगसे,हनुमंत गौर गोरखनाथ शिंदे,प्रसन्न बुलढाणा, नीता संतोष,गणेश पिंडरी आदि को उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित किया गया। दो दिवसीय शिविर में कुल दस सत्र आयोजित किए। जिसमें वीरेन्द्र तिवारी,योगेन्द्र गिरि, रामयश तिवारी,शशिकला साहू,अभय सक्सेना आदि ने संबोधन दिया।
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