हरिद्वार। सरस्वती विद्या मंदिर इण्टर कालेज मायापुर में दो दिवसीय संकुल स्तरीय अंग्रेजी कम्युनिकेशन वर्कशॉप का शुभारंभ किया गया। वर्कशॉप का शुभारंभ मुख्य अतिथि भारतीय शिक्षा समिति के मंत्री डा.रजनीकांत शुक्ल,संकुल प्रमुख और सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज भेल के प्रधानाचार्य लोकेन्द्र अंथवाल,विद्यालय के प्रबंधक जगपाल,सरस्वती विद्या मंदिर रुड़की के प्रधानाचार्य राजेश चौहान और विद्यालय के प्रभारी प्रधानाचार्य अजय सिंह ने देवी सरस्वती के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर किया। सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज के प्रधानाचार्य अजय सिंह ने सभी अतिथियों का परिचय कराया और दो दिवसीय वर्कशॉप की रूपरेखा से अवगत कराया। मुख्य अतिथि डा.रजनीकांत शुक्ल ने वर्कशॉप को संबोधित को करते हुए बताया कि पूरे देश मे लगभग 25000 विद्यालय विद्या भारती द्वारा संचालित है और विद्या भारती देश की ही नही अपितु पूरे विश्व की सबसे बड़ी शैक्षिक संस्था है। उन्होंने कहा कि दुनिया बहुत तेजी से बदल रही है। इसलिए हमें भी स्वयं को बदलना पड़ेगा। अपने विषय मे प्रतिदिन हो रहे बदलावों को पढ़ना और समझना पड़ेगा। इसके बाद ही कक्षा में बालक को नई तकनीक से पढ़ाकर समाज की मुख्य धारा से जोड़ सकेंगें। विद्यालयो में अब गणित और विज्ञान को भी अंग्रेजी में पढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमे अपने विद्यालयों में अंग्रेजी का माहौल बनाना पड़ेगा और यह कार्य अंग्रेजी के आचार्य ही कर सकते है। कार्यक्रम में शिशु मंदिर बोंगला के प्रधानाचार्य अमित,शिशु मंदिर कटारपुर के प्रधानाचार्य अश्विनी भी उपस्थित रहे।
हरिद्वार। सरस्वती विद्या मंदिर इण्टर कालेज मायापुर में दो दिवसीय संकुल स्तरीय अंग्रेजी कम्युनिकेशन वर्कशॉप का शुभारंभ किया गया। वर्कशॉप का शुभारंभ मुख्य अतिथि भारतीय शिक्षा समिति के मंत्री डा.रजनीकांत शुक्ल,संकुल प्रमुख और सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज भेल के प्रधानाचार्य लोकेन्द्र अंथवाल,विद्यालय के प्रबंधक जगपाल,सरस्वती विद्या मंदिर रुड़की के प्रधानाचार्य राजेश चौहान और विद्यालय के प्रभारी प्रधानाचार्य अजय सिंह ने देवी सरस्वती के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर किया। सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज के प्रधानाचार्य अजय सिंह ने सभी अतिथियों का परिचय कराया और दो दिवसीय वर्कशॉप की रूपरेखा से अवगत कराया। मुख्य अतिथि डा.रजनीकांत शुक्ल ने वर्कशॉप को संबोधित को करते हुए बताया कि पूरे देश मे लगभग 25000 विद्यालय विद्या भारती द्वारा संचालित है और विद्या भारती देश की ही नही अपितु पूरे विश्व की सबसे बड़ी शैक्षिक संस्था है। उन्होंने कहा कि दुनिया बहुत तेजी से बदल रही है। इसलिए हमें भी स्वयं को बदलना पड़ेगा। अपने विषय मे प्रतिदिन हो रहे बदलावों को पढ़ना और समझना पड़ेगा। इसके बाद ही कक्षा में बालक को नई तकनीक से पढ़ाकर समाज की मुख्य धारा से जोड़ सकेंगें। विद्यालयो में अब गणित और विज्ञान को भी अंग्रेजी में पढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमे अपने विद्यालयों में अंग्रेजी का माहौल बनाना पड़ेगा और यह कार्य अंग्रेजी के आचार्य ही कर सकते है। कार्यक्रम में शिशु मंदिर बोंगला के प्रधानाचार्य अमित,शिशु मंदिर कटारपुर के प्रधानाचार्य अश्विनी भी उपस्थित रहे।
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