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उत्तराखंड, गोवा और कर्नाटक के एनसीसी कैडेट को दिया प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण

 


हरिद्वार। एनसीसी निदेशालय उत्तराखंड एवं ग्रुप रुड़की द्वारा आयोजित एक भारत श्रेष्ठ भारत कैंप में उत्तराखंड के सभी 13जनपदों एवं गोवा तथा कर्नाटक के 600एनसीसी कैडेटस, एनसीसी प्रभारियों के साथ रुड़की ग्रुप के सेना अधिकारियों को इंडियन रेडक्रॉस सचिव डा.नरेश चौधरी ने डीएसबी पब्लिक स्कूल के सभागार में प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण दिया। डा.नरेश चौधरी ने प्रतिभागियों को प्राथमिक उपचार चिकित्सा की परिभाषा,अर्थ,महत्व,मुख्य उद्देश्य,चिकित्सा के विभिन्न प्रकार आदि के संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि प्राथमिक चिकित्सा किसी की जान बचाने के लिए अहम कदम है। आकस्मिक घटना के उपरांत समय से प्राथमिक उपचार मिलने पर घायल व्यक्ति का बहुमूल्य जीवन बचाया जा सकता है। प्राथमिक चिकित्सा सीखने से प्राथमिक चिकित्सा देने वाले का आत्मविश्वास बढ़ता है। अधिकृत फर्स्ट एडर को बिना किसी संकोच के और बिना समय गवाएं प्राथमिक उपचार देना चाहिए। डा.नरेश चौधरी ने कहा कि प्राथमिक उपचार देने वाले का मुख्य उद्देश्य घायल की जान बचाने के साथ-साथ उसके दर्द को कम से कम करते हुए शीघ्र अति शीघ्र निकटतम चिकित्सा केंद्र पर पहुंचने में सहयोग करना है। डा.नरेश चौधरी ने विभिन्न आकस्मिक घटनाओं में घायलों को दिए जाने वाली सभी प्रकार की प्राथमिक चिकित्सा का प्रतिभागियों से भी डेमोंसट्रेशन करा कर विशेष रूप से प्रशिक्षित किया। सीपीआर यानी दिल की धमनी को पुनः चालू करने का विशेष रूप से सभी प्रतिभागियों को अभ्यास कराया गया। जिससे किसी भी आपदा एवं आकस्मिक घटना के घटित होने पर सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर जरूरत के अनुसार निसंकोच पूर्ण आत्मविश्वास से सीपीआर देकर किसी भी घायल व्यक्ति का जीवन बचाया जा सके। एक भारत श्रेष्ठ भारत कैंप के कमांडेंट ब्रिगेडियर एसएस नेगी, डिप्टी कमांडेंट कर्नल विनय मल्होत्रा, प्रशासनिक अधिकारी कर्नल वीरेंद्र सिंह ने डा. नरेश चौधरी को प्रतीक चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया एवं उत्कृष्ट प्रशिक्षण के लिए आभार प्रकट करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया। डिप्टी कमांडेंट विनय मल्होत्रा ने कहा कि सभी प्रशिक्षित प्रतिभागी अपने-अपने क्षेत्र में आवश्यकता अनुसार फर्स्ट एडर के रूप में सच्ची मानव  एवं समाज सेवा कर पाएंगे। कैंप में मेजर सुशील रावत, सूबेदार मेजर सुनील कुमार, सूबेदार इंद्र बहादुर आदि ने विशेष सहयोग किया। 


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