एकता, समता, शुचिता एवं ममता गायत्री परिवार की मुख्य आधार: डॉ चिन्मय पण्ड्या
हरिद्वार। नॉर्वेजियन नोबल समिति के डिप्टी लीडर डॉ.असले टोजे ने कहा कि भारत ने दुनिया को शांति का संदेश दिया है। शांति का संदेश मानवता और प्रकृति से जोड़ने के लिए आवश्यक है। उन्होंने कहा कि भारत आध्यात्मिक प्रवाह का केन्द्र है और यह मेरे हृदय के सबसे करीब है। डॉ.असले टोजे देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के मृत्युंजय सभागार में वसुधैव कुटुम्बकम् विषय पर आयोजित व्याख्यानमाला कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में सभा को संबोधित कर रहे थे। नॉर्वेजियन नोबल समिति के डिप्टी लीडर डॉ.टोजे ने कहा कि हमारी पीढ़ी में मोबाइल फोन का बहुत बडा महत्त्व है। हमें चाहिए कि इसका उपयोग मनोरंजन के लिए ही नहीं,रचनात्मक कार्यों के लिए,संस्कृति का जानने तथा आत्मिक विकास के लिए करना चाहिए। डॉ टोजे ने कहा कि विनम्रता और शालीनता प्रत्येक भारतीयों को एकता के सूत्र को पिरोने वाला है। भारत ने वैदिक संस्कृति के संवाहक के रूप में विश्वभर के लिए जो वसीयत संजोये रखी है,वह निःसंदेह ही सकारात्मकता का परिचायक है। इससे पूर्व देसंविवि के प्रतिकुलपति व संयुक्त राष्ट्र संगठन (यूएनओ) द्वारा विश्व शांति के लिए गठित अंतर्राष्ट्रीय सामाजिक आध्यात्मिक मंच के निदेशक डॉ.चिन्मय पण्ड्या ने देसंविवि के कुलपिता युगऋषि पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जी की वसुधैव कुटुंबकम् की भावना को विस्तार से बताया। अध्यात्म के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर नोबेल पुरस्कार के समकक्ष टेम्पल्टन पुरस्कार की चयन समिति के सदस्य डॉ.पण्ड्या ने कहा कि एकता,समता,शुचिता एवं ममता गायत्री परिवार की मुख्य आधार है। इन्हीं सद्गुणों के साथ गायत्री परिवार आगे बढ़ रहा है। इस अवसर पर प्रतिकुलपति ने मुख्य अतिथि डॉ.टोजे को गायत्री मंत्र लिखित चादर,रुद्राक्ष माला,स्मृति चिह्न आदि भेंटकर सम्मानित किया। इससे पूर्व मुख्य अतिथि डॉ.टोजे ने देसंविवि में स्थापित एशिया के एकमात्र बाल्टिक सेंटर और शांति-सुलह के लिए दक्षिण एशियाई संस्थान का अध्ययन किया। सेंटर द्वारा भारतीय संस्कृति एवं विश्व में शांति के लिए चलाई जा रही गतिविधियों पर प्रसन्नता व्यक्त की। साथ ही स्वरोजगार को प्रेरित करने वाले स्वावलंबन कार्यशाला अवलोकन किया। डॉ.टोजे ने प्रज्ञेश्वर महादेव की पूजा अर्चना कर विश्वशांति की कामना की। इस दौरान कुलपति शरद पारधी,कुलसचिव बलदाऊ देवांगन सहित समस्त विभागाध्यक्ष,देसंविवि व शांतिकुंज परिवार के अनेक कार्यकर्तागण उपस्थित रहे। मंच संचालन डॉ इप्सित प्रताप सिंह व प्रथम पाटिल ने किया।
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