Skip to main content

आयुष एवं आयुष शिक्षा विभाग ने जिले के तीन गांवों को किया जड़ी बूटी ग्राम घोषित


हरिद्वार। आयुष एवं आयुष शिक्षा विभाग उत्तराखंड द्वारा जनपद के तीन गांवों को जड़ी बूटी ग्राम घोषित किया गया है। योजना के अंतर्गत ग्राम बिहारीनगर को अश्वगंधा ग्राम,जगजीतपुर को तुलसी ग्राम और भोगपुर को गिलोय ग्राम घोषित किया गया है। आयुर्वेद के प्रति आमजन में आयी जागरूकता से अश्वगंधा सहित अन्य जड़ी बूटियों की मांग तेजी से बढ़ी है। अश्वगंधा ,तुलसी व गिलोय का इस्तेमाल आयुर्वेदिक दवाओं में होता है। किसान जड़ी बूटियों की खेती और इसके उत्पाद बनाकर अपनी आय बढ़ा सकते हैं। जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डा.स्वास्तिक सुरेश ने बताया कि आयुष एवं आयुष शिक्षा विभाग उत्तराखंड द्वारा जड़ी बूटी ग्राम घोषित किए गांवों के हर घर में अब जड़ी बूटी का पौधा देखने को मिलेगा। योजना के अंतर्गत ग्राम बिहारीनगर को अश्वगंधा ग्राम,जगजीतपुर को तुलसी ग्राम और भोगपुर को गिलोय ग्राम बनाया गया है। इन ग्रामों का समर्थन आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के द्वारा किया जाएगा। बिहारीनगर में डा.घनेंद्र वशिष्ठ द्वारा ग्राम प्रधान,क्षेत्र पंचायत सदस्य एवं अन्य ग्राम वासियों को अश्वगंधा से मिलने वाले लाभ के बारे में लोगों को बताया गया तथा ग्रामीणों ने प्रत्येक घर में अश्वगंधा का पौधा लगाने का संकल्प लिया। आशा कार्यकत्रियों को प्रत्येक घर में पौधे लगवाने का दायित्व दिया गया है। भोगपुर आयुष्मान आरोग्य मंदिर की प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डा.सोरमी सोनकर द्वारा गांव को गिलोय ग्राम बनाया गया। इस अवसर पर ग्राम प्रधान,क्षेत्र के तमाम जनप्रतिनिधि एवं चिकित्सालय के कर्मचारियों सहित आशा कार्यकर्त्रियां भी उपस्थित रही। आयुष्मान आरोग्य मंदिर जगजीतपुर को तुलसी ग्राम बनाया गया है। इस अवसर पर प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डा.अश्वनी कौशिक द्वारा ग्राम वासियों को तुलसी के फायदे के बारे में बताया गया तथा तुलसी की व्यावसायिक खेती कर इससे किस प्रकार लाभ प्राप्त किया जा सकता है इसके बारे में भी विस्तार से चर्चा की गई। इस अवसर पर चिकित्सालय के सभी कर्मचारी उपस्थित रहे।जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी एवं जिला नोडल अधिकारी डा.अवनीश उपाध्याय ने बताया कि अश्वगंधा के फल, बीज और छाल के प्रयोग से कई प्रकार की दवाईयां बनाई जाती हैं। तनाव और चिंता को दूर करने में अश्वगंधा को सबसे फायदेमंद माना जाता है। जड़ी बूटियों की खेती से किसान अन्य फसलों के मुकाबले 50 फ़ीसदी तक अधिक मुनाफा कमा सकते हैं।

Comments

Popular posts from this blog

गौ गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया

  हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है।  महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा

ऋषिकेश मेयर सहित तीन नेताओं को पार्टी ने थमाया नोटिस

 हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।

धूमधाम से गंगा जी मे प्रवाहित होगा पवित्र जोत,होगा दुग्धाभिषेक -डॉ0नागपाल

 112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से  मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से  मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।