हरिद्वार। जूना अखाड़े के ब्रहमलीन महामंडलेश्वर महायोगी पायलट बाबा स्वामी सोमनाथ गिरी महाराज की श्रद्धांजलि सभा एवं षोड़शी का आयोजन जगजीतपुर स्थित पायलट बाबा आश्रम में 6सितम्बर को किया जाएगा। पायलट बाबा आश्रम की अध्यक्ष महामंडलेश्वर योगमाता केको आइकावा ने कहा कि गुरू ही परमात्मा का दूसरा स्वरूप है। गुरू के बताए मार्ग पर चलना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि है। योगमाता केको आइकावा ने जानकारी देते हुए बताया कि पूज्य गुरूदेव महायोगी पायलट बाबा 20अगस्त को ब्रह्मलीन हो गए थे। 24अगस्त को उन्हें आश्रम में समाधि दी गयी थी। 6 सितम्बर को श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि महाराज के निर्देशन में व आश्रम की महामंत्री महामंडलेश्वर साध्वी चेतनानंद गिरी व महामंडलेश्वर साध्वी श्रद्धा गिरी के नेतृत्व में ब्रह्मलीन पायलट बाबा की षोडशी व श्रद्धंाजलि सभा में पूरे देश के संत व पायलट बाबा के विश्वभर के भक्त भाग लेंगे। विभिन्न दलों के राजनेता व समाजसेवी संस्थाओं के पदाधिकारी भी ब्रह्मलीन पायलट बाबा को श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचेंगे। योगमाता केको आइकावा ने कहा कि महायोगी पायलट बाबा ने सनातन धर्म संस्कृति का पूरी दुनिया में प्रचार किया। उनसे प्रभावित होकर पूरे विश्व के लोगों ने सनातन धर्म को अपनाया। दुनिया के 100 से भी अधिक देशों में उनके भक्त हैं। ब्रह्मलीन महायोगी पायलट बाबा अपने भक्तों के दिलों में हमेशा विराजमान रहेंगे। उन्होंने सभी 13 अखाडों के संत महापुरूषों को श्रद्धांजलि सभा में पहुंचकर ब्रह्मलीन पायलट बाबा को श्रद्धांजलि देने के लिए आमंत्रित किया।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
Comments
Post a Comment