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आचार्य द्रोण की गौरवशाली परंपरा को जीवित रखने वाले युवा प्रशंसा के पात्र-श्रीमहंत रविंद्रपुरी।

 राज्य स्तरीय तीरंदाजी प्रतियोगिता के विजेताओं को सम्मानित किया


हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं एसएमजेएन कालेज प्रबंध समिति के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी ने राज्य स्तरीय तीरंदाजी प्रतियोगिता में विजयी रहे तीरंदाजो को सम्मानित किया। खिलाड़ियों को आशीर्वाद देते हुए श्रीमहंत रविंद्रपुरी ने कहा कि उत्तराखंड आचार्य द्रोण की कर्मभूमि रही है,हमें उस गौरवशाली परंपरा को पुनःजीवित करना होगा। उन्होंने कहा कि आज युवा तीरंदाजों द्वारा किए जा रहे परिश्रम और उनकी सफलता को देखते हुए लगता है कि हमारे युवा उस गौरवशाली परंपरा को जीवित रखेंगे। श्रीमहंत रविंद्रपुरी ने कहा की धनुर्विद्या भारत की प्राचीनतम विधा है और उसका आधुनिक परिप्रेक्ष्य में पुनरुत्थान करना प्रत्येक भारतवासी का कर्तव्य है। इस अवसर पर उत्तराखंड राज्य उच्च शिक्षा परिषद के सदस्य एवं एसएमजेएन कॉलेज के प्राचार्य प्रो.सुनील कुमार बत्रा ने सभी विजेताओं को हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज द्वारा कॉलेज परिसर में स्थापित द्रोणाचार्य अकादमी तीरंदाजी के क्षेत्र में निरंतर परिश्रम कर रही है और आचार्य द्रोण की प्रेरणा लेकर तीरंदाजो को उत्तम दीक्षा प्रदान कर रही हैं। राज्य स्तरीय तीरंदाजी प्रतियोगिता में पुरुष सीनियर वर्ग में कार्तिक राना ने स्वर्ण पदक,जितेंद्र ने रजत तथा आदर्श नेगी ने कांस्य पदक जीता। बालिका सीनियर वर्ग में अनीशा सेमवाल स्वर्ण,सिया रजत तथा अवनिशा ने कांस्य पदक जीता। बालक सब जूनियर वर्ग में युवराज सिंह को स्वर्ण,जन्मेजय चौहान को रजत तथा अगत्सय शर्मा को कांस्य पदक मिला। जबकि बालिका सब जूनियर वर्ग में मानवी ने स्वर्ण,पावनी ने रजत तथा दिया ने कांस्य पदक पर निशाना साधा। सम्मानित किए गए विजेताओं ने अपनी सफलता का श्रेय श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज द्वारा कालेज में संचालित द्रोणाचार्य अकादमी तथा अपने गुरुजनों को दिया। इस अवसर पर उत्तराखंड तीरंदाजी संघ के उपाध्यक्ष रमेश प्रसाद,हरिद्वार आर्चरी संघ के सचिव कुलदीप चौहान,चंद्रकांत शर्मा,संदीप कुमार दुकलान,धर्मपाल जेठूरी,सुनील कुमार अरोड़ा,राजकुमार ओबेरॉय,पूर्व पार्षद राजकुमार, अधिष्ठाता छात्र कल्याण डा.संजय कुमार माहेश्वरी, प्रो.विनय थपिलयाल,डा.नलिनी जैन,डा.पल्लवी,डा.मीनाक्षी शर्मा,डा.विनीता चौहान,डा.पूर्णिमा सुंदरियाल आदि उपस्थित रहे।


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