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गणेश जी की स्थापना की जाती है विसर्जन नहीं-पंडित पवन कृष्ण शास्त्री

 हरिद्वार। श्रीराधा रसिक बिहारी भागवत परिवार द्वारा प्रतिवर्ष रामनगर स्थित श्रीराधा रसिक बिहारी मंदिर में धूमधाम से गणेश महोत्सव मनाया जाता है। लेकिन गणेश प्रतिमा का विसर्जन नहीं किया जाता। भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने बताया लोगों को इस बात की जानकारी नहीं है कि गणेश की स्थापना की जाती है ना की विसर्जन। यदि विसर्जन कर दिया गया तो घरों से रिद्धि सिद्धि एवं शुभ लाभ भी चले जाएंगे। प्रत्येक पूजन प्रार्थना की जाती है कि गणेश लक्ष्मी का वास सदा सर्वदा घर में हो और आवाहित देवी देवता अपने स्थान को प्रस्थान करें। आज गणेश विसर्जन के रूप में गणेश का अनादर अपमान किया जा रहा है। प्रत्येक सनातनी को इसके लिए आगे बढ़ना चाहिए और गणेश जी को घर-घर में स्थापित करना चाहिए। शास्त्री ने बताया कि भागवत परिवार द्वारा गणेश चतुर्थी को गणेश की स्थापना की जाती है। नित्य पूजन कीर्तन भजन किया जाता है और चतुर्दशी तिथि को ढोल नगाड़ों के साथ गणेश को गंगा स्नान कराया जाता है। इसके उपरांत गणेश को ढोल नगाड़ों के साथ भागवत परिवार के किसी सदस्य के यहां स्थापित किया जाता है और आजीवन गणेश की पूजा अर्चना की जाती है। गणेश उत्सव के अवसर पर पूर्व पार्षद रेनू अरोरा, चिराग अरोड़ा,शिमला उपाध्याय,रश्मि गोस्वामी,रिंकी भट्ट,रिंकू शर्मा,महेंद्र शर्मा,सारिका,सुमन चौहान,रोजी अरोड़ा,राजू, पूनम,पवन त्यागी,आशा मोहन,मीनू चौधरी,रीना जोशी,भावना खुराना, विनोद,सुषमा त्यागी,किरण शर्मा,कंचन अरोड़ा,दीप्ति भारद्वाज,हर्ष ब्रह्म आदि भागवत परिवार के सदस्यों ने गणेश पूजन में भाग लिया।


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गौ गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया

  हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है।  महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा

ऋषिकेश मेयर सहित तीन नेताओं को पार्टी ने थमाया नोटिस

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धूमधाम से गंगा जी मे प्रवाहित होगा पवित्र जोत,होगा दुग्धाभिषेक -डॉ0नागपाल

 112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से  मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से  मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।