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विश्व पर्यटन दिवस पर पर्यटन विभाग ने किया संगोष्ठी का आयोजन


 हरिद्वार। विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर पर्यटन विभाग द्वारा गंगा म्यूजियम में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। विश्व पर्यटन संगठन द्वारा निर्धारित थीम ‘पर्यटन और शांति’विषय पर आयोजित संगोष्ठी में उत्तराखंड में पर्यटन विकास की संभावनाओं पर विस्तृत चर्चा की गई। जिला पर्यटन विकास अधिकारी अमित लोहनी ने संगोष्ठी का शुभारंभ करते हुए गोष्ठी में पधारे सभी अतिथियों का स्वागत किया।जिला पर्यटन विकास अधिकारी अमित लोहनी ने सभी स्टेक होल्डर,व्यापारियों,होम स्टे संचालकों को विश्व पर्यटन दिवस की बधाई देते हुए कहा कि पर्यटन उद्योग को बढ़ावा दिये जाने और भविष्य में उसके विकास के लिए निवेश को प्रमुख प्राथमिकताओं में से एक माना है। विश्व पर्यटन दिवस 2024 की थीम पर्यटन और शांति इस बात पर प्रकाश डालती है कि अंतर्राष्ट्रीय सद्भाव,सांस्कृतिक समझ और शांति को बढ़ावा देने में पर्यटन कितना महत्वपूर्ण है। पर्यटन आपसी सम्मान को बढ़ावा देता है और अलग-अलग मूल के लोगों को एकजुट करके संघर्ष को कम करता है। थीम इस बात पर भी जोर देती है कि पर्यटन किस तरह से उपचार और सुलह प्रक्रियाओं में सहायता कर सकता है। साझा यात्रा अनुभव सहानुभूति,सहयोग और संचार को बढ़ावा देते हैं,जो विश्व शांति में योगदान करते हैं। विश्व पर्यटन दिवस का उद्देश्य पर्यटन के महत्व और लोगों में जागरूकता बढ़ाना है।इस अवसर पर एक होम स्टे स्वामियों के साथ भी चर्चा की गयी। जिसके माध्यम से आयुष सेंटरों से जुड़े होम स्टे स्वामियों को आयुवेद के सम्बन्ध में जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डा.स्वास्तिक सुरेश ने जानकारी प्रदान करते हुए होम स्टे में आने यात्रियों/पर्यटकों को आयुष्मान आरोग्य मंदिर (वैलनेस सेंटर) के माध्यम से ईलाज के लिये आयुर्वेदिक पद्धति को अपनाने की अपील की। संगोष्ठी में राष्ट्रीय धर्मशाला एसोसिएशन के अध्यक्ष महेश गौड ने अपने विचार रखते हुए कहा कि पयर्टन को बढ़ावा देने के लिए तीर्थनगरी में आने वाले यात्रियों/पर्यटकों के साथ सभी को मधुर व्यवहार करना चाहिए। धर्मशाला एसोसिएशन के विकास तिवारी ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड एवं हरिद्वार अपनी अध्यात्मिक एवं धार्मिक महत्ता के कारण विश्व में अपनी एक अलग पहचान बनाए हुए है। तीर्थनगरी में विभिन्न देशों और धर्मों के करोड़ों लोग आध्यात्मिक उन्नयन,गंगा स्नान के पूरे वर्ष यहां आते हैं। इसके अलावा सामाजिक,सांस्कृतिक,राजनीतिक और आर्थिक महत्ता की दृष्टि से भी यह तीर्थ और पर्यटन स्थल देश दुनिया में शांति का संदेश प्रसारित कर रहा है,यही हमारी पहचान है। लिहाजा हमारी नैतिक जिम्मेदारी है कि हम अपनी लोक संस्कृतियों के संरक्षण,संवर्धन और विकास के लिए निरंतर प्रयासरत रहें। अनिरूद्ध भाटी ने कहा कि तीर्थनगरी हरिद्वार विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थल है। इसलिए हरिद्वार से चारधाम यात्रा प्रारंभ की जानी चाहिए। राज्य सरकार तीर्थनगरी हरिद्वार की पुरानी धर्मशालाओं को संरक्षण प्रदान करते हुए उन्हें सब्सिडी प्रदान करे। सरकार एक नीति बनाकर उनके अनुरक्षण के लिये ब्याज मुक्त ऋण प्रदान करे। देवभूमि हरिद्वार में आने वाले यात्रियों की सुविधा एवं सुरक्षा के लिये पर्यटन पुलिस की स्थापना की जानी चाहिए। जिससे पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं फर्जी ट्रेवल एजेन्टों से धोखाधड़ी होने पर उनकी समस्याओं का त्वरित निस्तारण हो सके। सुनील सेठी ने कहा कि सभी हरिद्वार समेत उत्तराखंड में पर्यटन को और बढ़ावा देने के पक्षधर है,जिससे यहां के व्यापारियों का व्यापार उन्नति करे और यात्रियों को बेहतर से बेहतर सुविधाएं मिले। विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर क्रॉस कन्ट्री-रन फॉर टूरिज्म एण्ड पीस,डांडिया नृत्य,दीपदान का भी आयोजन किया गया। इस दौरान जिला पर्यटन विकास अधिकारी अमित लोहनी,धर्मशाला एसोसिएशन के अध्यक्ष महेश गौड,विकास तिवारी,अनिरूद्ध भाटी,ट्रेवल एसोसिएशन के अध्यक्ष उमेश पालीवाल,बजट होटल एसोसिएशन के मीडिया प्रभारी अखिलेश चौहान,राकेश कुमार अग्रवाल,होम स्टे एसोसिएशन के अध्यक्ष मोनिक धवन,सुनील सेठी,अभ्युदय शर्मा,नेचर फांउंडेशन की अध्यक्ष किरण भटनागर,पर्यटन विभाग के वरिष्ठ सहायक आशीष कुमार,मनोज तोमर,मनीषा शर्मा,तीरथ सिंह रावत,गम्भीर सिंह कोहली आदि उपस्थित रहे।


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