हरिद्वार। विश्नोई आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी राजेंद्रानंद महाराज ने श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि भगीरथ की कड़ी तपस्या के बाद धरती पर आयी मां गंगा हमारी आराध्य और पूरे संसार की पालनहार है। धरती पर आकर मां गंगा ने राजा सगर के साठ हजार पुत्रों को सद्गति प्रदान की। स्वामी राजेंद्रानंद महाराज ने कहा कि मानव कल्याण के लिए स्वर्ग से पृथ्वी पर आयी मां गंगा मानवीय गलतियों के चलते लगातार प्रदूषित हो रही है। जो कि चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि मर्यादित आचरण करने से ही तीर्थ यात्रा का फल प्राप्त होता है। आध्यात्मिक नगरी हरिद्वार तथा बद्रीनाथ,केदारनाथ,गंगोत्री और यमनोत्री धाम पूरे सनातन धर्म के प्रमुख तीर्थ हैं। जब भी हरिद्वार या चारों धाम की यात्रा पर जाएं तो तीर्थ की मर्यादा का पालन करें। तीर्थो पर शास्त्रानुसार आचरण करें। किसी प्रकार की गंदगी ना फैलाएं। सात्विक आहार करें। उन्होंने कहा कि गंगा को स्वच्छ,निर्मल,अविरल बनाए रखने में सहयोग करते हुए किसी प्रकार का दूषित पदार्थ गंगा में ना डालें। पॉलीथीन का उपयोग ना करें। दूसरों को भी गंगा स्वच्छता के लिए प्रेरित करें।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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