हरिद्वार। राष्ट्रीय मानव अधिकार संरक्षण ट्रस्ट की राष्ट्रीय सचिव रेखा नेगी ने कहा कि भारत की संविधान सभा द्वारा हिन्दी को आधिकारिक भाषा घोषित करने की याद में हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। हिंदी भारत की आत्मा है,यह देश के कोने-कोने में लोगों को एक सूत्र में पिरोने का काम करती है। हिंदी केवल एक भाषा नहीं है,बल्कि यह हमारी संस्कृति,परंपरा और सामाजिक मूल्यों का वाहक है। हिंदी साहित्य,कविता,संगीत और सिनेमा ने हमारे समाज में हमेशा एक महत्वपूर्ण स्थान बनाया है। तुलसीदास,कबीर,प्रेमचंद जैसे महान साहित्यकारों ने हिंदी को एक नई पहचान दी है। आज के वैश्वीकरण के युग में अंग्रेजी का महत्व भी अपने स्थान पर है,लेकिन हमें यह याद रखना चाहिए कि हिंदी हमारी अपनी भाषा है। इसे बोलने में,लिखने में और इसके प्रति गर्व महसूस करने में कोई हिचक नहीं होनी चाहिए। किसी भी देश की भाषा उसकी पहचान होती है और हिंदी हमारी पहचान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। हमें गर्व होना चाहिए कि हिंदी दुनिया की सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है। हिंदी सिर्फ भारत में ही नहीं,बल्कि विश्व के कई देशों में बोली और समझी जाती है। यह भाषा आज न सिर्फ साहित्य के माध्यम से बल्कि इंटरनेट, सोशल मीडिया और विज्ञान के क्षेत्र में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।उन्होंने कहा कि हिंदी दिवस हमें यह याद दिलाने का दिन है कि हमें अपनी भाषा का आदर करना चाहिए और इसके प्रसार के लिए निरंतर प्रयास करने चाहिए। हमें हिंदी को केवल एक भाषा के रूप में नहीं, बल्कि अपने राष्ट्र की शान के रूप में देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम सभी हिंदी का सम्मान करें,इसे अपने जीवन में और अधिक अपनाएं और इसके समृद्ध साहित्य और संस्कृति को आगे बढ़ाने में योगदान दें।
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