हरिद्वार। जीवन विद्या के आलोक केन्द्र देवसंस्कृति विश्वविद्यालय अपने 22वर्ष की आयु में अनेक कीर्तिमान स्थापित किया है। देश विदेश के शैक्षणिक, स्वास्थ्य सहित विभिन्न संस्थानों के साथ महत्त्वपूर्ण अनुबंध पर हस्ताक्षर किया है और यह क्रम सतत जारी है। अपने अनुबंध के इसी क्रम में प्रयागराज स्थित मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के इनोवेशन और इन्क्यूबेशन हब एमएनएनआईटी फाउंडेशन के निदेशक प्रो.रवि प्रकाश तिवारी एवं देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ.चिन्मय पण्ड्या ने एक महत्त्वपूर्ण शैक्षणिक समझौता पर हस्ताक्षर किये। इसके अंतर्गत विश्वविद्यालय के संस्कृतिःसेंटर फॉर इन्क्यूबेशन एंड एंटर प्रेन्योरियल ट्रेनिंग (एससीआईईटी) के माध्यम से संचालित किया जाएगा। यह समझौता शिक्षा,स्वास्थ्य और प्रबंधन के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देगा और दोनों संस्थानों के बीच शोध,नवाचार और छात्र विनिमय कार्यक्रमों को सशक्त करेगा। जो युवाओं को आगे बढ़ने में मददगार साबित होगा।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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