हरिद्वार।हरिद्वार स्थित देव संस्कृति विश्वविद्यालय ने गोविंद गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय (जीजीटीयू) बांसवाड़ा,राजस्थान के साथ शैक्षणिक समझौता पर हस्ताक्षर किया। यह साझेदारी विज्ञान,प्रौद्योगिकी और शैक्षिक नवाचार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई है,जो स्वास्थ्य, चिकित्सा,कृषि,जैव विविधता संरक्षण और समाज कल्याण से संबंधित अन्य क्षेत्रों पर केंद्रित है। इसके अंतर्गत विभिन्न सेमिनार,कार्यशालाएँ और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिनका उद्देश्य बौद्धिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देना और सामुदायिक कल्याण में योगदान देना है। यह साझेदारी अकादमिक नवाचार को एक नई दिशा देगी,जिसका लाभ विद्यार्थियों, शिक्षकों और व्यापक समाज को मिलेगा। इस अनुबंध में देसंविवि के प्रतिकुलपति डॉ चिन्मय पण्ड्या एवं जीजीटीयू के कुलसचिव राजेश जोशी ने हस्ताक्षर किया। यह समझौता तीन वर्षों के लिए मान्य होगा, जिसे आपसी सहमति से आगे बढ़ाया जा सकता है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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