कंपनी की जांच रिपोर्ट आने से पूर्व ही चश्मों को नकली बताना गलत
हरिद्वार। विशाल ऑप्टिकल्स के स्वामी भाजपा नेता एवं समाजसेवी डा.विशाल गर्ग ने चश्मे बनाने वाली एक बहुराष्ट्रीय कंपनी की सामान्य जांच को नकली चश्मे बरामद होने जैसी अफवाह फैलाकर उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल करने का प्रयास करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है। शनिवार को विवेक विहार स्थित कार्यालय पर पत्रकारों को जानकारी देते हुए डा.विशाल गर्ग ने कहा कि सोमवार को चश्मा कंपनी द्वारा उनके प्रतिष्ठान में आकर रूटीन जांच की थी। उन्होंने जांच टीम का पूरा सहयोग किया। कुछ लोगों द्वारा जांच को नकली चश्मों की बरामदगी बताकर प्रचारित किया गया। जिससे उनकी सामाजिक और व्यापारिक प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है। डा.विशाल गर्ग ने बताया कि डुप्लीकेट चश्मे बाजार में बेचे जाने की सूचना पर कंपनी द्वारा सभी डीलर्स के यहां रूटीन जांच की जा रही है। उनके प्रतिष्ठान पर जांच के दौरान कंपनी द्वारा कुछ चश्मे सैंपल के तौर लिए गए और सील कर उन्हें सौंप दिया गया। जिसे वे न्यायालय में प्रस्तुत करेंगे। डा.विशाल गर्ग ने कहा कि चश्मे नकली हैं या नहीं। इसका पता जांच रिपोर्ट आने के बाद ही चलेगा। लेकिन जांच रिपोर्ट आने से पूर्व ही कुछ लोगों द्वारा भ्रामक प्रचार कर उनकी छवि को धूमिल करने का प्रयास किया गया। इस संबंध में उन्होंने संबंधित लोगों को कानूनी नोटिस भेज दिए हैं। उन्होंने कहा कि वे पिछले 25 वर्षो से चश्मों के व्यवसाय से जुड़े हैं। हजारों उपभोक्ता उनके प्रतिष्ठान से जुड़े हैं। आज तक किसी उपभोक्ता ने किसी प्रकार की शिकायत नहीं की। डा.विशाल गर्ग ने कहा कि वे कोर्ट का पूरा सम्मान करते हैं। कोर्ट के निर्णय के बाद दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा। पत्रकारों द्वारा राजनीतिक षड़यंत्र होने से संबंधी सवाल के जवाब में डा.विशाल गर्ग ने कहा कि वे समाज के कमजोर वर्ग की मदद करने में हमेशा आगे रहते हैं। छात्रों को खेलों से जोड़ने भी योगदान करते हैं। ऐसे में राजनीतिक षड़यंत्र से भी इंकार नहीं कर सकते हैं। वार्ता के दौरान मौजूद डा.जितेंद्र चंदेला,ज्वैलर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष राजीव गुप्ता,विकास गर्ग,राम खत्री,निखिल वर्मा आदि व्यवसायियों और मिनी पुरी,विश्वास सक्सेना,विक्रम सिंह,सचिन अरोड़ा,भाजपा नेता दीपक टंडन,रोहित यादव व कार्तिक आदि ने भी जांच परिणाम आने से पूर्व आरोप लगाए जाने को गलत ठहराया। कहा कि एक प्रतिष्ठित सामाजिक व्यक्ति की छवि को धूमिल करने का प्रयास निंदनीय है।
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