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विश्व शांति और सम्पूर्ण मानवता की रक्षा के लिये धर्म संसद आवश्यक-डॉ.उदिता त्यागी


 हरिद्वार। यति नरसिंहानंद सरस्वती फाउंडेशन की महासचिव व विश्व धर्म संसद (वर्ल्ड रिलीजियस कन्वेंशन) की मुख्य संयोजक डा.उदिता त्यागी ने अखिल भारतीय ब्रह्मर्षि महासंघ के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष सुनील त्यागी के साथ रविवार को प्रेस क्लब में प्रेसवार्ता का आयोजन किया। डा.उदिता त्यागी ने बताया कि विश्व धर्म संसद (वर्ल्ड रिलीजियस कन्वेंशन) का आयोजन यति नरसिंहानंद सरस्वती फाउंडेशन अनेक अन्य संस्थाओं के सहयोग से कर रही है। यह आयोजन 17 से 22दिसम्बर तक चलेगा। पहले दिन यह आयोजन राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में और अंतिम तीन दिन यह आयोजन हरिद्वार में श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े में होगा। इस आयोजन का उद्देश्य जिहाद की वास्तविक विभीषिका को समझा कर एक प्लेटफार्म पर लाना है। जहां सम्पूर्ण विश्व के सभी गैर मुस्लिम धर्मगुरु,बुद्धिजीवी व विद्वान अपने और सम्पूर्ण मानवता के अस्तित्व की रक्षा के एक दूसरे के साथ सहयोग का मार्ग खोजने का प्रयास करेंगे। डा.उदिता त्यागी ने कहा कि आज सम्पूर्ण विश्व मे जिस तरह के हालात बन चुके हैं। वह सम्पूर्ण मानवता के लिये बहुत ही अशुभ है। विश्व धर्म संसद (वर्ल्ड रिलीजियस कन्वेंशन) इसके लिए मार्ग खोजने में सहायक सिद्ध होगा। अतःविश्व शांति और सम्पूर्ण मानवता की रक्षा के लिये विश्व धर्म संसद (वर्ल्ड रिलीजियस कन्वेंशन) अति आवश्यक है। डा.उदिता त्यागी ने यह भी कहा कि विश्व धर्म संसद (वर्ल्ड रिलीजियस कन्वेंशन) उनके गुरु महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज का स्वप्न है। जो उनकी अनुपस्थिति में भी पूर्ण किया जाएगा। सुनील त्यागी ने संत समाज से महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज का साथ देने का अनुरोध करते हुए कहा कि महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज सनातन धर्म की सबसे मजबूत आवाज हैं। ऐसे में समस्त संत समाज को अपने आपसी मतभेद भुला कर उनका साथ देना चाहिये। सुप्रसिद्ध कथावाचक पंडित पवनकृष्ण शास्त्री ने कहा कि हरिद्वार के सनातनी विश्व धर्म संसद के आयोजन में हर तरह का सहयोग करेंगे। यह आयोजन सम्पूर्ण विश्व को दिशा देने का कार्य करेगा। प्रेसवार्ता में असीमानंद,विजयपाल सिंह त्यागी,सुभाष त्यागी,आनंद तिवारी,सीए आशुतोष पांडे,डा.रामसिंह,शशिकांत त्यागी,देव नारायण तिवारी,जागेश त्यागी,मनोज त्यागी,अमित पुंडीर,विवेक नागर,तरुण त्यागी,अंकित आदि उपस्थित रहे। 


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