देहरादून। नेस्ले इंडिया ने अगस्त्य इंटरनेशनल फाउंडेशन के साथ मिलकर उत्तराखंड के सात स्कूलों में प्रोजेक्ट जिज्ञासा की शुरुआत की है। इस परियोजना के तहत,नेस्ले इंडिया ने इन स्कूलों में विज्ञान प्रयोगशालाएं और पुस्तकालय स्थापित किए हैं। प्रोजेक्ट जिज्ञासा 2022 में शुरू किए गए नेस्ले के हेल्दी किड्स कार्यक्रम का हिस्सा है। इसका उद्देश्य बच्चों को प्रयोगों के जरिए विज्ञान सिखाना और उनमें पढ़ने की आदत विकसित करना है।इस प्रोजेक्ट के बारे में बात करते हुए मनीष कुमार,चीफ डेवलपमेंट ऑफिसर ने कहा,‘‘शिक्षा किसी भी मजबूत और प्रगतिशील समाज की नींव है। जब हम बच्चों को प्रयोगों के जरिए सीखने में मदद करते हैं और उनकी पढ़ने की आदत को सुधारते हैं,तो वे भविष्य में बेहतर शिक्षा प्राप्त कर पाते हैं,जिसका समाज पर सकारात्मक असर पड़ेगा। उत्तराखंड में प्रोजेक्ट जिज्ञासा के लॉन्च का हिस्सा बनकर मुझे बहुत खुशी हो रही है। मुझे विश्वास है कि इससे समुदायों को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी और जमीनी स्तर पर नए अवसरों के रास्ते खुलेंगे।‘‘राज्य में इस प्रोजेक्ट के लॉन्च पर संजय खजुरिया,डायरेक्टर,कॉरपोरेट अफेयर्स और सस्टेनेबिलिटी,नेस्ले इंडिया ने कहा,‘‘बच्चों में जिज्ञासा और जागरूकता बेहद जरूरी है। हमें भरोसा है कि प्रोजेक्ट जिज्ञासा स्टूडेंट्स के सीखने के दायरे को बढ़ाएगा और उन्हें नई ऊंचाइयों तक पहुंचने में मदद करेगा।‘‘2022 में,हरियाणा के समालखा के दो स्कूलों में प्रोजेक्ट जिज्ञासा का पायलट प्रोजेक्ट शुरू हुआ था। धीरे-धीरे यह प्रोजेक्ट बढ़ा और अब गोवा, हरियाणा,और हिमाचल प्रदेश के 20 स्कूलों के बच्चों के विकास में अहम योगदान दे रहा है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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