हरिद्वार। देवसंस्कृति विश्वविद्यालय में रविवार को मातृभूमि मंडपम और भारत माता की भव्य प्रतिमा का अनावरण किया गया। लोकार्पण कार्यक्रम में देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ.चिन्मय पण्ड्या के मार्गदर्शन में एक अभिनव प्रयोग किया गया। इसके अंतर्गत लगभग आठ वर्ष के २४नौनिहालों को तिरंगे के रंग में सजाया गया था। इन्हीं बच्चों ने हाथों में तिरंगा लहराते हुए वैदिक कर्मकाण्ड के मध्यम स्वर के बीच मातृभूमि मण्डपम का अनावरण किया। इसके पश्चात डा.चिन्मय पण्ड्या,कुलपति शरद पारधी,व्यवस्थापक योगेन्द्र गिरी व अन्य ने आरती की। इस अवसर पर मुख्य अतिथि देसंविवि के प्रतिकुलपति डा.चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक उपलब्धियों से भरा हुआ समय है,जब देसंविवि परिसर में मातृभूमि मण्डपम,शौर्य दीवार और विशाल तिरंगा विद्यमान है। इस राष्ट्रीय गौरव को प्राप्त करने वाला देसंविवि एकमात्र विवि है। उन्होंने कहा कि देश के भावी 24 कर्णधारों के हाथों मातृभूमि मण्डपम का अनावरण होना एक आनंदित करने वाला पल है। क्योंकि इनके ही हाथों में देश का भविष्य होगा। उन्होंने कहा कि किसी संस्थान का अनावरण गणमान्य अतिथियों और प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा होते हुए हम सभी देखते हैं,पर आज इस मंडप का अनावरण उनके द्वारा किया गया,जो भारत का भविष्य है। कल उन्हीं का है और जिनका कल है,उन्हें आज की कहानी लिखने का अधिकार होना चाहिए। उन्होंने आशा व्यक्त की कि आने वाले समय में इसका अनुपालन देश के विभिन्न शैक्षणिक संस्थान आदि स्थानों में भी हो। देसंविवि के कुलपति शरद पारधी व अन्य ने भी अपने विचार रखे। वहीं अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख डा.प्रणव पण्ड्या एवं शैलदीदी ने भी अपनी शुभकामनाएँ दी। उल्लेखनीय है कि शौर्य दीवार का अनावरण उत्तराखण्ड की तत्कालीन राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने और विशाल तिरंगे का अनावरण वर्तमान राज्यपाल गुरमीत सिंह द्वारा किया गया था। इस मातृभूमि मण्डपम का शानदार डिजाइन किया गया है। गोल सीढ़ीदार में बने इस मण्डपम में लगभग एक हजार व्यक्ति एक साथ बैठकर ध्यान साधना व अन्य कार्यक्रम कर सकते हैं। आम्रकुंज के मध्य बने इस मण्डपम को चारों ओर से केसरिया,सफेद व हरा रंग से आकर्षक रूप से रंगा गया है,जो यहाँ राष्ट्रीय प्रेम व भक्ति को जाग्रत करता है। यहाँ के वातावरण में प्रवेश करते ही राष्ट्र प्रेम सहज ही मन में भर जाता है। मण्डपम में पृथ्वी के मध्य भारत माता की दिव्य मूर्ति सजाई गयी है,जो मानो कह रही हो कि हे प्यारे बच्चों,राष्ट्र में भावशून्य हो रहे करुणा व संस्कृति को बचाने हेतु अपने कदम आगे बढ़ाओ। इस अवसर पर देसंविवि व शांतिकुंज परिवार के अनेकानेक लोग उपस्थित रहे।
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