हरिद्वार। दुर्लभ संत टाट वाले बाबा की स्मृति में 9 नवम्बर से 15 नवम्बर तक गीता भवन के प्रांगण में आयोजित श्रीमद् भागवत महापुराण कथा के प्रथम दिवस पर कथा व्यास पं.रामजी पाण्डेय पौराणिक ने श्रद्धालु भक्तों को श्रीमद्भागवत महापुराण कथा की अमृतमयी रसधारा से सराबोर करते हुए कहा कि श्रीमद् भागवत महापुराण कथा वेद उपनिषद के सार से बनी है। इसीलिए यह विलक्षण है,उत्तम है,आनन्दकारी है। जिस प्रकार रस पूरे वृक्ष में होता है पर स्वाद उसके फल में ही मिलता है। उसी प्रकार श्रीमद्भागवत महापुराण कथा भी वेदों का सार है। सभी वेद उपनिषद की मिठास इस कथा के माध्यम से प्राप्त होती है। इस अवसर पर भोपाल सिंह, एड.कपिल खाटू श्याम वाले,अंशू शर्मा,शशि उपाध्याय,नीरजा अग्रवाल,प्रदीप शर्मा,डा.सुनील बत्रा,संजय बत्रा,अखिलेश त्रिपाठी सहित सैकड़ों की संख्या में भक्तों ने अमृतमयी श्रीमद् भावगत महापुराण कथा का रसपान किया।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
Comments
Post a Comment