हरिद्वार। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सभागार में नवनियुक्त्त पैरा लीगल वॉलिन्टियर्स के लिए एकदिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का शुभारम्भ प्राधिकरण के अध्यक्ष/जनपद न्यायाधीश प्रशांत जोशी ने किया। नवनियुक्त पैरा लीगल वॉलिन्टियर्स को संबोधित करते हुए जनपद न्यायाधीश प्रशांत जोशी ने प्राधिकरण की महत्वपूर्ण भूमिका को बताते हुए कहा कि प्राधिकरण अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के सभी नागरिकों, संविधान में वर्णित मानव दुर्व्यवहार/बेगार के शिकार व्यक्ति,सभी महिलाएं व बच्चे,सभी दिव्यांग जन एवं मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति,बहुविनाश जातिय हिंसा,जातिय अत्याचार,बाढ,सूखा एवं भुकम्प या औद्योगिक संकट जैसे दैवीय आपदा से पीड़ित व्यक्ति के लिए निःशुल्क पैरवी करने की व्यवस्था करता है,निःशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराता है। यह जानकारी आम जनता तक पहुंचाने का कार्य पैरा लीगल वॉलिन्टियर्स करते हैं। प्राधिकरण आम जनता तक पैरा लीगल वॉलिन्टियर्स के माध्यम से पहुंच बनाता है,इनकी भूमिका इसलिए भी महत्वपूर्ण है ये समाज के हर वर्ग तक पहुंचते हैं और जनता को सुलभ व सस्ता न्याय दिलाने में मदद करते हैं। इस अवसर पर परिवार न्यायाधीश/स्थाई लोक अदालत के अध्यक्ष शिवाकान्त द्विवेदी ने कुटुम्ब न्यायालय से प्राप्त होने वाले न्याय के विषय व स्थाई लोक अदालत के बारे में जानकारी दी। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अविनाश श्रीवास्तव ने पैरा लीगल वॉलिन्टियर्स के अधिकारों एवं कर्तव्य के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पैरा लीगल वॉलिन्टियर्स प्राधिकरण की एक महत्वपूर्ण कडी है तथा इनको भारतीय संविधान के अनुच्छेद 39ए से अधिकार प्रदान किये गये हैं। जिला प्रोबेशन अधिकारी अविनाश भदौरिया एंव जिला बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष श्रीमती अंजना सैनी ने सरकार की ओर से चलाई जा रही बालकों के लिए योजनाओं एवं शिक्षा का अधिकार अधिनियम के बारे में जानकारी दी। प्राधिकरण की सचिव/वरिष्ठ सिविल जज सिमरनजीत कौर ने कहा कि पैरा लीगल वॉलिन्टियर्स की भूमिका महत्वपूर्ण है,वह न्याय को घर-घर पहुंचाने में मदद करते हैं। शिविर में चीफ लीगल एंड डिफेंस कौंसिल सुधीर त्यागी व डिप्टी लीगल एड डिफेंस कौंसिल अरविन्द कुमार श्रीवास्तव व रमन सैनी आदि उपस्थित थे।
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