हरिद्वार। रेलवे रोड़ स्थित श्रीगरीबदासीय आश्रम में जारी श्रीमद्भावगत कथा का श्रद्धालुओं को श्रवण कराते हुए कथाव्यास स्वामी रविदेव शास्त्री ने कहा कि श्रीमद्भावगत कथा भवसागर की वैतरणी है। समस्त वेदों और उपनिषदों का सार श्रीमद्भागवत कथा परम् कल्याणकारी है। कथा के श्रवण मात्र से ही कल्याण का मार्ग प्रशस्त हो जाता है। स्वामी रविदेव शास्त्री ने कहा कि कथा के प्रभाव से अधोगति में पड़े पितरों को भी मोक्ष की प्राप्ति होती है। कथा के प्रभाव से धुंधकारी को प्रेत योनि से मुक्ति मिली और बैकुंठ में स्थान प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा कि साक्षात श्री हरि की वाणी श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन और श्रवण का अवसर सौभाग्य से प्राप्त होता है। इसलिए इस अवसर को कभी ना गंवाएं। परिवार सहित कथा श्रवण करें। यदि संभव हो सके तो कथा का आयोजन भी करें। श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण से अज्ञान दूर होता है। परिवार में संस्कारों का विकास होता है। लेकिन कथा श्रवण का लाभ तभी है। जब इसे आचरण में धारण किया जाए। मुख्य यजमान दर्शन कुमार वर्मा,रमेश लूथरा ने परिवार के सदस्यों के साथ व्यासपीठ का पूजन और संतों का स्वागत कर आशीर्वाद लिया। इस अवसर पर स्वामी परमात्मदेव,स्वामी निर्मल दास,स्वामी दिनेश दास,स्वामी सुतिक्ष्ण मुनि ,आचार्य पदम प्रसाद सुवेदी,डा.संजय वर्मा,लोकनाथ,विजय शर्मा,स्वामी ज्ञानानंद,स्वामी कृष्णानंद सहित श्रद्धालु उपस्थित रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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