हरिद्वार। जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र (यूएन) द्वारा अजर बैजान की राजधानी बाकू में आयोजित होने वाले संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डा.चिन्मय पंडया भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। हाल ही में डा.पंड्या ने भारत मंडपम,नई दिल्ली में आयोजित नदी संरक्षण शिखर सम्मेलन, राष्ट्रीय नदी संगम,भारत जल सप्ताह जैसे कई महत्वपूर्ण आयोजनों में पर्यावरण संरक्षण,जल संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन जैसे विषयों को गायत्री परिवार के प्रतिनिधि के तौर पर पुरजोर तरीके से उठाया था। डा.पंड्या के नेतृत्व देसंविवि में हरित ऊर्जा,नदी संरक्षण और सतत विकास जैसे विभिन्न कार्यक्रम संचालित हैं। जो पर्यावरण संबंधी शोध के नये कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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