हरिद्वार। जनपद के जमालपुरकलां में 01जनवरी 2025 को मुख्य विकास अधिकारी के निर्देशन में सरस विपणन केंद्र का निरीक्षण वेस्ट फ्लावर मैनेजमेंट गतिविधि के लिए किया गया। इस अवसर पर जिला परियोजना प्रबंधक,ग्रामोत्थान परियोजना,आर्किटेक्ट,और इरिमा टीम उपस्थित रहे। निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य वेस्ट फ्लावर मैनेजमेंट गतिविधि के लिए विपणन केंद्र को तैयार करना और इसके लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे का मूल्यांकन करना था। जिला परियोजना प्रबंधक ने निरीक्षण के दौरान उपस्थित टीम को निर्देशित किया कि इस गतिविधि से संबंधित सभी कार्य आगामी 15 जनवरी 2025 तक पूर्ण कर लिए जाएं। इस दिशा में,आर्किटेक्ट और इरिमा टीम ने विपणन केंद्र की मौजूदा संरचना का गहन मूल्यांकन किया और आवश्यक सुधार और उन्नयन के सुझाव दिए। यह सुनिश्चित किया गया कि कार्य योजना न केवल समयबद्ध हो,बल्कि इस परियोजना की गुणवत्ता और दीर्घकालिक प्रभाव को भी ध्यान में रखे। हरिद्वार जैसे धार्मिक और पर्यावरणीय रूप से संवेदनशील क्षेत्र में फूलों के अपशिष्ट को प्रबंधित करना एक महत्वपूर्ण चुनौती है। गंगा नदी के घाटों और मंदिरों में बड़ी मात्रा में फूलों का उपयोग होता है,जो बाद में अपशिष्ट के रूप में जल प्रदूषण और पर्यावरणीय समस्याएं उत्पन्न करते हैं। वेस्ट फ्लावर मैनेजमेंट के अंतर्गत इन फूलों को पुनर्चक्रण कर उपयोगी उत्पाद,जैसे जैविक खाद,अगरबत्ती,धूपबत्ती और प्राकृतिक रंग,बनाने की योजना है। यह पहल पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ ग्रामीण महिलाओं और स्वसहायता समूहों को रोजगार के अवसर प्रदान करने में भी सहायक होगी। जिला परियोजना प्रबंधक ने यह सुनिश्चित किया कि सभी संबंधित विभाग और टीम आपसी समन्वय से कार्य करें। विपणन केंद्र के उन्नयन और आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए जल,विद्युत,और अन्य बुनियादी सेवाओं को शीघ्र स्थापित करने पर जोर दिया गया। उन्होंने कहा कि निर्धारित समय सीमा के भीतर कार्य पूरा करना प्राथमिकता है,ताकि मुख्य विकास अधिकारी के निर्देशन में यह गतिविधि शीघ्र शुरू की जा सके। वेस्ट फ्लावर मैनेजमेंट-परियोजना न केवल हरिद्वार के पर्यावरण को स्वच्छ बनाएगी,बल्कि स्थानीय समुदायों को आर्थिक रूप से सशक्त भी करेगी। इस गतिविधि के माध्यम से ग्रामीण महिलाएं और स्वसहायता समूह स्थायी आय अर्जित कर सकेंगे। साथ ही,यह पहल हरिद्वार को एक मॉडल जिला बनाने में मदद करेगी,जहां पर्यावरणीय समस्याओं का नवाचार और समर्पण से समाधान किया जाता है। यह परियोजना हरिद्वार में हरित और सतत विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू की जा रही है। जिला प्रशासन और ग्रामोत्थान परियोजना की टीम ने यह सुनिश्चित किया है कि सभी हितधारकों के बीच समन्वय और सहयोग स्थापित हो। आने वाले समय में,इस मॉडल को राज्य के अन्य जिलों में भी लागू करने की संभावना पर विचार किया जाएगा। इस प्रकार,मुख्य विकास अधिकारी के मार्गदर्शन में सरस विपणन केंद्र का निरीक्षण,वेस्ट फ्लावर मैनेजमेंट गतिविधि की योजना के लिए न केवल पर्यावरणीय समस्याओं का समाधान प्रस्तुत करती है,बल्कि हरिद्वार में सामाजिक और आर्थिक विकास की नई संभावनाएं भी उत्पन्न करती है।
हरिद्वार। जनपद के जमालपुरकलां में 01जनवरी 2025 को मुख्य विकास अधिकारी के निर्देशन में सरस विपणन केंद्र का निरीक्षण वेस्ट फ्लावर मैनेजमेंट गतिविधि के लिए किया गया। इस अवसर पर जिला परियोजना प्रबंधक,ग्रामोत्थान परियोजना,आर्किटेक्ट,और इरिमा टीम उपस्थित रहे। निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य वेस्ट फ्लावर मैनेजमेंट गतिविधि के लिए विपणन केंद्र को तैयार करना और इसके लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे का मूल्यांकन करना था। जिला परियोजना प्रबंधक ने निरीक्षण के दौरान उपस्थित टीम को निर्देशित किया कि इस गतिविधि से संबंधित सभी कार्य आगामी 15 जनवरी 2025 तक पूर्ण कर लिए जाएं। इस दिशा में,आर्किटेक्ट और इरिमा टीम ने विपणन केंद्र की मौजूदा संरचना का गहन मूल्यांकन किया और आवश्यक सुधार और उन्नयन के सुझाव दिए। यह सुनिश्चित किया गया कि कार्य योजना न केवल समयबद्ध हो,बल्कि इस परियोजना की गुणवत्ता और दीर्घकालिक प्रभाव को भी ध्यान में रखे। हरिद्वार जैसे धार्मिक और पर्यावरणीय रूप से संवेदनशील क्षेत्र में फूलों के अपशिष्ट को प्रबंधित करना एक महत्वपूर्ण चुनौती है। गंगा नदी के घाटों और मंदिरों में बड़ी मात्रा में फूलों का उपयोग होता है,जो बाद में अपशिष्ट के रूप में जल प्रदूषण और पर्यावरणीय समस्याएं उत्पन्न करते हैं। वेस्ट फ्लावर मैनेजमेंट के अंतर्गत इन फूलों को पुनर्चक्रण कर उपयोगी उत्पाद,जैसे जैविक खाद,अगरबत्ती,धूपबत्ती और प्राकृतिक रंग,बनाने की योजना है। यह पहल पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ ग्रामीण महिलाओं और स्वसहायता समूहों को रोजगार के अवसर प्रदान करने में भी सहायक होगी। जिला परियोजना प्रबंधक ने यह सुनिश्चित किया कि सभी संबंधित विभाग और टीम आपसी समन्वय से कार्य करें। विपणन केंद्र के उन्नयन और आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए जल,विद्युत,और अन्य बुनियादी सेवाओं को शीघ्र स्थापित करने पर जोर दिया गया। उन्होंने कहा कि निर्धारित समय सीमा के भीतर कार्य पूरा करना प्राथमिकता है,ताकि मुख्य विकास अधिकारी के निर्देशन में यह गतिविधि शीघ्र शुरू की जा सके। वेस्ट फ्लावर मैनेजमेंट-परियोजना न केवल हरिद्वार के पर्यावरण को स्वच्छ बनाएगी,बल्कि स्थानीय समुदायों को आर्थिक रूप से सशक्त भी करेगी। इस गतिविधि के माध्यम से ग्रामीण महिलाएं और स्वसहायता समूह स्थायी आय अर्जित कर सकेंगे। साथ ही,यह पहल हरिद्वार को एक मॉडल जिला बनाने में मदद करेगी,जहां पर्यावरणीय समस्याओं का नवाचार और समर्पण से समाधान किया जाता है। यह परियोजना हरिद्वार में हरित और सतत विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू की जा रही है। जिला प्रशासन और ग्रामोत्थान परियोजना की टीम ने यह सुनिश्चित किया है कि सभी हितधारकों के बीच समन्वय और सहयोग स्थापित हो। आने वाले समय में,इस मॉडल को राज्य के अन्य जिलों में भी लागू करने की संभावना पर विचार किया जाएगा। इस प्रकार,मुख्य विकास अधिकारी के मार्गदर्शन में सरस विपणन केंद्र का निरीक्षण,वेस्ट फ्लावर मैनेजमेंट गतिविधि की योजना के लिए न केवल पर्यावरणीय समस्याओं का समाधान प्रस्तुत करती है,बल्कि हरिद्वार में सामाजिक और आर्थिक विकास की नई संभावनाएं भी उत्पन्न करती है।
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