Skip to main content

एचआरडीए द्वारा किया गया चौराहों के सौंदर्यकरण के साथ की छेड़छाड़

एचआरडीए द्वारा लगाए गए गमले के स्टीकर भेल के अधिकारियों ने उतरवाये


हरिद्वार। भेल खामखां वाहवाही लूटने के प्रयास में भेल के मध्य मार्ग पर एचआरडीए  द्वारा लगाये गये गमलों से स्टीकर हटाकर बेवजह की ख्याति का लेना चाह रहा है,जबकि भेल का इस राष्ट्रीय खेल में कोई योगदान नहीं है। भेल द्वारा स्टीकर हटाने के पीछे क्या मंशा रही यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है भेल सभी अधिकारी बयान से बच रहे हैं। उत्तराखंड को राष्ट्रीय खेल की मेजबानी का दायित्व मिला है यह हम सब प्रदेशवासियों के लिए गर्व की बात है और सभी विभाग भरसक प्रयास कर रहे हैं कि किसी प्रकार की कोई कमी ना रह जाए और यहां से खिलाड़ी अच्छा संदेश लेकर जाएं और जो भी वी आई पी आ रहे हैं। उनको भी अच्छा लगे उसी के तहत मध्य मार्ग भेल का मार्ग पीडब्ल्यूडी द्वारा बनवाया गया है और चौराहों पर एचआरडीए द्वारा सौदर्यकरण के लिए पौधे लगे गमले लगाए गए। जिन पर एचआरडीए सटीकर लगे हुए थे। लेकिन भेल को यह गंवारा नहीं कि उनकी भूमि पर कोई गमले लगाएं और उस पर वह अपना विभाग का नाम लिखें। जबकि राष्ट्रीय खेलों का सारा खर्चा उत्तराखंड शासन द्वारा किया जा रहा है। बिना योगदान के श्रेय लेने की होड़ में लेकिन भेल को यह मंजूर नहीं इसलिए उसने जानबूझ कर गमलों जिनपर एचआरडीए के स्टीकर लगे थे,उन्हे हटाना शुरू कर दिए सेक्टर-1 चौराहे पर भेल के सविदा कर्मचारी द्वारा स्टीकर हटाते हुए वीडियो पत्रकार द्वारा बनाया गया और जब भेल के जनसंपर्क विभाग से संपर्क साधा गया,उनके जवाब से पत्रकार संतुष्ट नहीं हुआ । पत्रकार ने पूछा कि राष्ट्रीय खेल में भेल का क्या योगदान है यह बताएं तो वह चुप्पी साध ली। गमले पर से स्टीकर हटाने के मामले में जब एचआरडीए के उपाध्यक्ष अंशुल सिंह से बात हुई तो उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि यदि भेल को हमारे स्टीकर लगे गमलों से ऐतराज था हमे सूचित करते तो हम अपने गमले उठा लेते। लेकिन उन्होंने स्टीकर हटाकर उचित कार्य नहीं किया। इस संदर्भ में भेल के अधिकारियों से बात करता हूं। वही भेल के जनसंपर्क विभाग के सूत्रों ने बताया की बेल द्वारा चौराहों पर गमले लगाने की योजना थी लेकिन उससे पूर्व ही एचआरडीएनए ने अपने गमले रखवा दिए थे और किसी के क्षेत्र में अपनी ब्रांडिंग करना गलत है। यदि एचआरडीए अपने गमले उठता है तो भेल प्रबंधन अपने गमले लगाकर राष्ट्रीय खेलों में योगदान दे सकता है।

Comments

Popular posts from this blog

गौ गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया

  हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है।  महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...

ऋषिकेश मेयर सहित तीन नेताओं को पार्टी ने थमाया नोटिस

 हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।

धूमधाम से गंगा जी मे प्रवाहित होगा पवित्र जोत,होगा दुग्धाभिषेक -डॉ0नागपाल

 112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से  मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से  मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को ...