हरिद्वार। क्षत्रिय समाज की पृष्ठभूमि सदैव सामाजिक समरसता एवं बिना भेदभाव के सबको साथ लेकर चलने की है। सर्वसमाज की उन्नति का सबसे प्रबल पक्षधर क्षत्रिय समाज सा दूसरा नहीं है। वर्तमान मे अन्य समाज के लोगों की टीका टिप्पणी एवं संस्कृतियों से हो रही छेड़छाड़ ने आपसी संबंध पर सबसे अधिक प्रभाव डाला है। अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ,उत्तराखंड की नववर्ष के उपलक्ष्य मे आयोजित कार्य परिषद के राष्ट्रीय अधिवेशन मे हुए मंथन एवं चिंतन चर्चा की गई। वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रेम सिंह राणा तथा महेन्द्र सिंह नेगी ने कहा कि सभी समाज से जुड़े लोगों को पहल करते हुए साझी नीति तैयार सामाजिक सौहार्द बनाने के लिए एक मंच पर इकटठा होना जरूरी है। वही सवर्ण आयोग का गठन भी जरूरी है। मंथन मे इस बात पर भी चर्चा हुई कि देश के कुछ राज्यों मे स्वर्ण आयोग का गठन किया गया है। प्रदेश महामंत्री डॉ.शिवकुमार चौहान ने कहा कि हम सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय के सिद्धान्त पर विश्वास करते है,लेकिन बदलते सामाजिक परिवेश मे तथा दिल्ली अधिवेशन मे भी आर्थिक आधार पर आरक्षण एवं सवर्ण आयोग का गठन किया जाना सबसे जरूरी मुद्दा बनकर उभरा है। जिसका अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा,उत्तराखंड समर्थन करती है। जिसके लिए एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री पुष्कर सिह धामी से मिलकर इसके गठन पर चर्चा करेगा। वही जिला प्रशासन को ज्ञापन के माध्यम से देश के प्रधानमंत्री,राष्ट्रपति एवं गृहमंत्री से भी मिलेगा। मंथन एवं चिंतन बैठक मे महेंद्र सिंह नेगी,प्रेम सिंह राणा,सुशील पुंडीर,योगेन्द्रपाल सिंह राठौर ,डॉ.बिजेन्द्र सिंह,शेखर राणा,रविकिशोर चौहान,प्रकाश चौहान,कीर्ति सिंह धनौला,देवेन्द्र सिंह पुंडीर,विजयपाल राणा,उपदेश चौहान,पवन राणा,हृदयेश तोमर,दयाल सिंह पुंडीर आदि उपस्थित रहे।
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