हरिद्वार। नेशनल गेम्स इस बार उत्तराखंड में आयोजित होंगे। 28जनवरी से राष्ट्रीय खेलों का आगाज होने जा रहा है,राजधानी देहरादून के अलावा प्रदेश के अन्य कई जगहों पर अलग -अलग खेलों की प्रतियोगिताएं आयोजित होगी। हरिद्वार में भी बड़े पैमाने पर राष्ट्रीय खेलों की तैयारी की जा रही है। देश में खेलों के सबसे बड़े आयोजन राष्ट्रीय खेलों का आगाज होने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28जनवरी को देहरादून पहुंचकर राष्ट्रीय खेलों का शुभारंभ करेंगे।हरिद्वार की जिला क्रीड़ा अधिकारी शबाली गुरुंग ने बताया कि हरिद्वार में भी राष्ट्रीय खेलों की तीन प्रतियोगिताएं होनी हैं जिसमें हॉकी,कुश्ती और कबड्डी शामिल है। हरिद्वार में होने वाली सभी प्रतियोगिताओं के लिए सरकार और खेल विभाग की ओर से बड़े पैमाने पर तैयारी की गई है। यहां अंतर्राष्ट्रीय मानकों वाला हॉकी ग्राउंड तैयार किया गया है, वहीं विशाल इनडोर स्टेडियम में कबड्डी और रेसलिंग खेल आयोजित होंगे। डिस्ट्रिक्ट स्पोर्ट्स एसोसिएशन की सचिव एवं नेशनल कोच आरती सैनी का कहना है कि हरिद्वार खिलाड़ियों की भूमि है।वंदना कटारिया,ऋषभ पंत,मनीषा चौहान जैसे कई खिलाड़ी हरिद्वार से निकलकर राष्ट्रीय फलक पर खेलकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं। आगामी राष्ट्रीय खेलों के लिए आयोजित किए जा रहे कैंपों में दूर-दूर से पहुंचे खिलाड़ी पसीना बहा रहे हैं। स्थानीय खिलाड़ियों को उम्मीद है कि हरिद्वार की धरती पर राष्ट्रीय खेलों का आयोजन होना ना सिर्फ गर्व की बात है बल्कि वे अपनी जीत को लेकर भी आश्वस्त है। उत्तराखंड को राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी मिली तो यहां खिलाड़ियों के लिए अंतरराष्ट्रीयस्तर के कई खेल इंफ्रास्ट्रक्चर भी तैयार किए गए। जो लंबे समय तक स्थानीय खिलाड़ियों की प्रतिभा को धार देते रहेंगे। दूसरी तरफ राष्ट्रीय खेलों को लेकर उत्साहित खिलाड़ी खेलेगा उत्तराखंड जीतेगा उत्तराखंड का नारा दोहरा रहे हैं।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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