हरिद्वार। विकास भवन सभागार में टूगेदर फॉर्म बेटर इंटरनेट के अवसर विषय पर विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में जिला सूचना प्रौद्योगिकी अधिकारी यशपाल सिंह ने लोगों को साइबर अपराध और फ्रॉड से बचाव के लिए सुरक्षित इंटरनेट उपयोग की जानकारी दी गई। यशपाल सिंह ने अधिकारियों ओर छात्रों को साइबर अपराध और फ्रॉड से बचने के लिए जानकारी देते हुए कहा कि अन्जान नंबर से आने वाले कॉल्स पर विश्वास न करें।बैंक अधिकारी या सरकारी संस्थान कभी फोन पर पैसे ट्रांसफर करने के लिए नहीं कहते। किसी भी अनजान क्यूआर कोड को स्कैन न करें।उन्होंन फिशिंग पर बल देते हुए बताया कि अपनी व्यक्तिगत जानकारी,जैसे बैंक का विवरण या पासवर्ड, देने को बहकाते हैं। साइबर ठग एक वैध सेवा के रूप में खुद को पेश करते हैं और अधिकारिक लगने वाले नकली लिंक व संदेशो का इस्तेमाल करते हैं।यदि आप इन पर क्लिक करते हैं,तो वे आपकी जानकारी चुराकर आपके खाते को खाली कर सकते हैं। इस प्रकार की ठगी का शिकार होने पर तुरंत राष्ट्रीय साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930पर शिकायत करें।उन्होंने कहा कि साइबर स्वच्छता एक ऐसी प्रक्रिया है जो व्यक्तियों को उनके उपकरणों और व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा बनाए रखने में मदद करती है।जैसे आप कीटाणुओं से बचने के लिए हाथ धोते हैं। वैसे ही साइबर स्वच्छता में आपकी ऑनलाइन आदतों को साफ करना शामिल है।ताकि आप अपनी डिजिटल जिंदगी को सुरक्षित रख सकें।अच्छी साइबर स्वच्छता से फ़िशिंग,हैकिंग और मैलवेयर जैसी चीजों से आपके व्यक्तिगत खातों और उपकरणों को प्रभावित होने से रोका जा सकता है। कार्यशाला में इंटर कॉलेज रावली महादूद के छात्र-छात्राओं और ग्राम्य विकास,शिक्षा,बाल विकास,कृषि ओर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने प्रतिभाग किया। कार्यशाला में ई डिस्ट्रीक मैनेजर अभिषेक चौहान,ललित,नरेश और गणेश भी मौजूद रहे।
हरिद्वार। विकास भवन सभागार में टूगेदर फॉर्म बेटर इंटरनेट के अवसर विषय पर विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में जिला सूचना प्रौद्योगिकी अधिकारी यशपाल सिंह ने लोगों को साइबर अपराध और फ्रॉड से बचाव के लिए सुरक्षित इंटरनेट उपयोग की जानकारी दी गई। यशपाल सिंह ने अधिकारियों ओर छात्रों को साइबर अपराध और फ्रॉड से बचने के लिए जानकारी देते हुए कहा कि अन्जान नंबर से आने वाले कॉल्स पर विश्वास न करें।बैंक अधिकारी या सरकारी संस्थान कभी फोन पर पैसे ट्रांसफर करने के लिए नहीं कहते। किसी भी अनजान क्यूआर कोड को स्कैन न करें।उन्होंन फिशिंग पर बल देते हुए बताया कि अपनी व्यक्तिगत जानकारी,जैसे बैंक का विवरण या पासवर्ड, देने को बहकाते हैं। साइबर ठग एक वैध सेवा के रूप में खुद को पेश करते हैं और अधिकारिक लगने वाले नकली लिंक व संदेशो का इस्तेमाल करते हैं।यदि आप इन पर क्लिक करते हैं,तो वे आपकी जानकारी चुराकर आपके खाते को खाली कर सकते हैं। इस प्रकार की ठगी का शिकार होने पर तुरंत राष्ट्रीय साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930पर शिकायत करें।उन्होंने कहा कि साइबर स्वच्छता एक ऐसी प्रक्रिया है जो व्यक्तियों को उनके उपकरणों और व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा बनाए रखने में मदद करती है।जैसे आप कीटाणुओं से बचने के लिए हाथ धोते हैं। वैसे ही साइबर स्वच्छता में आपकी ऑनलाइन आदतों को साफ करना शामिल है।ताकि आप अपनी डिजिटल जिंदगी को सुरक्षित रख सकें।अच्छी साइबर स्वच्छता से फ़िशिंग,हैकिंग और मैलवेयर जैसी चीजों से आपके व्यक्तिगत खातों और उपकरणों को प्रभावित होने से रोका जा सकता है। कार्यशाला में इंटर कॉलेज रावली महादूद के छात्र-छात्राओं और ग्राम्य विकास,शिक्षा,बाल विकास,कृषि ओर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने प्रतिभाग किया। कार्यशाला में ई डिस्ट्रीक मैनेजर अभिषेक चौहान,ललित,नरेश और गणेश भी मौजूद रहे।
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