हरिद्वार। उत्तराखंड क्रांति दल संस्कृति बचाओ अभियान के संयोजक राजेंद्र बिष्ट ने नारसन से पदयात्रा का शुभारंभ किया। पदयात्रा में दल के संरक्षक डा.शक्तिशाली कुरूपवान ने उत्तराखंड की मिट्टी से युवाओं का तिलक किया। इस अवसर पर नारसन के लोगों ने राजेंद्र बिष्ट का फूल मालाओं और पटके पहनाकर कर जोरदार स्वागत किया। राजेंद्र बिष्ट ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तराखंड की सीमा में निवास करने वाला प्रत्येक व्यक्ति उत्तराखंडी है।उसके हक हकूकांे की लड़ाई राज्य आंदोलन की तर्ज पर लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने यूसीसी लागू कर राज्य में आपदा ला दी है।राज्य सरकार लोगों के हितों के लिए कानून बनाती है।ं जबकि इसके विपरीत राज्य सरकार ने यूसीसी को जनता के ऊपर थोप कर अत्याचार कर दिया है।अब आवश्यकता आ पड़ी है कि राज्य के मूल निवासियों के लिए उत्तराखंड क्रांति दल द्वारा किए जा रहे आंदोलन को राज्य का प्रत्येक वर्ग समर्थन और सहयोग करे। उन्होंने कहा कि हम किसी भी कीमत पर पीछे हटने वाले नहीं हैं। यूसीसी के मामले में राज्य सरकार से आर पार की लड़ाई लड़ने के लिए वचनबद्ध हैं। आवश्यकता है तो युवाओं और महिला शक्ति की,जो आंदोलन को नई ऊर्जा और धार देने का काम करेंगे। महानगर अध्यक्ष गोकुल सिंह रावत ने कहा कि यूसीसी को किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा।उत्तराखंड क्रांति दल पर पूरे प्रदेश में इसका विरोध करेगा और लोगों को यूसीसी के प्रति जागरूक करेगा।पदयात्रा में केंद्रीय उपाध्यक्ष सरिता पुरोहित, जयप्रकाश उपाध्याय,बहादुर सिंह रावत,पंकज व्यास,महानगर अध्यक्ष गोकुल सिंह रावत,व्यापार प्रकोष्ठ के अध्यक्ष सुमित अरोड़ा,टीकम राठौर,दिनेश नेगी,मनोज कंडवाल,जेपी जोशी,डीडी पतं, आरसी उनियाल,देवेश सेन,मनीष रावत,भोला चमोली,प्रवीण रमोला,श्याम रमोला,अनूप बिष्ट ,जितेंद्र सिंह,राजेश्वरी रावत,बीपी भट्ट,संतोष भट्ट,शकुंतला रावत,रवि जैन,आकाश नौटियाल ,ब्रजवीर चौधरी,रविंदर वशिष्ठ सहित अनेक पदाधिकारी रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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