हरिद्वार। निर्मल संतपुरा ट्रस्ट सोसाइटी द्वारा आयोजित 70वीं 101अखंड पाठ की लड़ी का समापन हो गया।चार दिवसीय कार्यक्रम के समापन अवसर पर कीर्तन आसा की वार, निशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर और रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया।इस दौरान निर्मल संतपुरा आश्रम स्थित गुरुद्वारे में सुबह से ही श्रीगुरु ग्रन्थ साहिब का दीवान सजाया गया जहां सैकड़ों श्रद्धालुओं ने पहुंचकर माथा टेका।श्रीगुरु ग्रन्थ साहिब शक्ति जत्था लुधियाना जालंधर वाले ने शब्द कीर्तन सुनाकर संगत को निहाल किया। इस अवसर पर संत जगजीत सिंह शास्त्री ने कहा कि पिछले 70वर्षों से लगातार 101अखंड पाठ साहिब की लड़ी कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। जिसमें स्थानीय श्रद्धालुओं के साथ साथ अन्य प्रदेशों से श्रद्धालु उपस्थित होकर शब्द कीर्तन,कथा का श्रवण करते हैं,चार दिन तक माहौल भक्तिमय रहता है और सभी दिन रात प्रभु का सिमरन करते हैं।उन्होंने कहा कि गुरु और महापुरुषों के आशीर्वाद बिना मोक्ष नहीं मिलता,परमात्मा का सदैव स्मरण करना चाहिए। इस अवसर पर संत मंजीत सिंह,संत तरलोचन सिंह,संत बलजिंदर सिंह शास्त्री,हरजीत कौर,सुखविंदर सिंह, सरबजीत कौर,महिंद्र सिंह,अपनिंदर कौर,हरविंदर सिंह,विक्रम सिंह,इंदरजीत सिंह,रणजीत सिंह ,रमणीक सिंह,जसविंदर सिंह,गगनदीप सिंह,सुरेंद्र सिंह,जितेंद्र सिंह,हरविंदर सिंह,संदीप सिंह, परमजीत सिंह,परमिंदर सिंह,जसकरण सिंह आदि सैकड़ों श्रद्धालुगण उपस्थित थे।
हरिद्वार। निर्मल संतपुरा ट्रस्ट सोसाइटी द्वारा आयोजित 70वीं 101अखंड पाठ की लड़ी का समापन हो गया।चार दिवसीय कार्यक्रम के समापन अवसर पर कीर्तन आसा की वार, निशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर और रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया।इस दौरान निर्मल संतपुरा आश्रम स्थित गुरुद्वारे में सुबह से ही श्रीगुरु ग्रन्थ साहिब का दीवान सजाया गया जहां सैकड़ों श्रद्धालुओं ने पहुंचकर माथा टेका।श्रीगुरु ग्रन्थ साहिब शक्ति जत्था लुधियाना जालंधर वाले ने शब्द कीर्तन सुनाकर संगत को निहाल किया। इस अवसर पर संत जगजीत सिंह शास्त्री ने कहा कि पिछले 70वर्षों से लगातार 101अखंड पाठ साहिब की लड़ी कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। जिसमें स्थानीय श्रद्धालुओं के साथ साथ अन्य प्रदेशों से श्रद्धालु उपस्थित होकर शब्द कीर्तन,कथा का श्रवण करते हैं,चार दिन तक माहौल भक्तिमय रहता है और सभी दिन रात प्रभु का सिमरन करते हैं।उन्होंने कहा कि गुरु और महापुरुषों के आशीर्वाद बिना मोक्ष नहीं मिलता,परमात्मा का सदैव स्मरण करना चाहिए। इस अवसर पर संत मंजीत सिंह,संत तरलोचन सिंह,संत बलजिंदर सिंह शास्त्री,हरजीत कौर,सुखविंदर सिंह, सरबजीत कौर,महिंद्र सिंह,अपनिंदर कौर,हरविंदर सिंह,विक्रम सिंह,इंदरजीत सिंह,रणजीत सिंह ,रमणीक सिंह,जसविंदर सिंह,गगनदीप सिंह,सुरेंद्र सिंह,जितेंद्र सिंह,हरविंदर सिंह,संदीप सिंह, परमजीत सिंह,परमिंदर सिंह,जसकरण सिंह आदि सैकड़ों श्रद्धालुगण उपस्थित थे।
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