हरिद्वार।महामंडलेश्वर राजगुरू स्वामी संतोषानंद महाराज ने कहा कि समाज को आध्यात्मिक रूप एकजुटकर राष्ट्र की एकता अखण्डता कायम रखने में संत महापुरूषों की हमेशा अहम भूमिका रही है।भारतमाता पुरम स्थित एकाद्श रूद्रपीठ आश्रम के वार्षिक समारोह में संत सम्मेलन को संबोधित करते हुए महामंडलेश्वर राजगुरू स्वामी संतोषानंद महाराज ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड संतों की भूमि है। हरिद्वार और उत्तराखंड के संतों के श्रीमुख से प्रसारित होने वाले आध्यात्मिक संदेशों से पूरे विश्व को मार्गदर्शन प्राप्त होता है। सतों के मार्गदर्शन में प्राप्त ज्ञान से कल्याण का मार्ग प्रशस्त होता है।महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी महाराज ने कहा कि महामंडलेश्वर राजगुरू स्वामी संतोषानंद महाराज विद्वान और तपस्वी संत हैं।उनके द्वारा चलाए जा समाज कल्याण के प्रकल्प सभी के लिए प्रेरणादायी हैं।स्वामी रविदेव शास्त्री ने कहा कि समाज सेवा और सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार में अहम भूमिका निभा रहे राजगुरू स्वामी संतोषानंद महाराज का जीवन सभी के लिए अनुकरणीय है।उनकी प्रेरणा से उनके शिष्य भी धर्म संस्कृति के संरक्षण संवर्द्धन में योगदान कर रहे हैं।स्वामी हरिहरानंद ने कहा कि राजगुरू स्वामी संतोषानंद महाराज समाज में धर्म जागरण करने के साथ प्रतिवर्ष कई गरीब कन्याओं का विवाह और निर्धन परिवारों की सहायता के माध्यम से समाज सेवा में भी अहम योगदान कर रहे हैं।स्वामी सुतिक्ष्ण मुनि,स्वामी दिनेश दास,स्वामी ज्योर्तिमयानंद,आचार्य स्वामी पारस मुनि,महंत साधनानंद,महंत सूरज दास ने भी संत सम्मेलन को संबोधित किया और श्रद्धालु भक्तों को आशीर्वचन प्रदान किए।इस अवसर पर पार्षद आकाश भाटी,आचार्य अमित थपलियाल,सतीश पाराशर,हरिमोहन,सुरेंद्र शर्मा,जितेंद्र शर्मा,जीतू सिंह सेंगर,निरंजन सिंह गुर्जर,मनोज भाटी,अन्नु धाकड़ सहित अनेक श्रद्धालु मौजूद रहे।
हरिद्वार।महामंडलेश्वर राजगुरू स्वामी संतोषानंद महाराज ने कहा कि समाज को आध्यात्मिक रूप एकजुटकर राष्ट्र की एकता अखण्डता कायम रखने में संत महापुरूषों की हमेशा अहम भूमिका रही है।भारतमाता पुरम स्थित एकाद्श रूद्रपीठ आश्रम के वार्षिक समारोह में संत सम्मेलन को संबोधित करते हुए महामंडलेश्वर राजगुरू स्वामी संतोषानंद महाराज ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड संतों की भूमि है। हरिद्वार और उत्तराखंड के संतों के श्रीमुख से प्रसारित होने वाले आध्यात्मिक संदेशों से पूरे विश्व को मार्गदर्शन प्राप्त होता है। सतों के मार्गदर्शन में प्राप्त ज्ञान से कल्याण का मार्ग प्रशस्त होता है।महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी महाराज ने कहा कि महामंडलेश्वर राजगुरू स्वामी संतोषानंद महाराज विद्वान और तपस्वी संत हैं।उनके द्वारा चलाए जा समाज कल्याण के प्रकल्प सभी के लिए प्रेरणादायी हैं।स्वामी रविदेव शास्त्री ने कहा कि समाज सेवा और सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार में अहम भूमिका निभा रहे राजगुरू स्वामी संतोषानंद महाराज का जीवन सभी के लिए अनुकरणीय है।उनकी प्रेरणा से उनके शिष्य भी धर्म संस्कृति के संरक्षण संवर्द्धन में योगदान कर रहे हैं।स्वामी हरिहरानंद ने कहा कि राजगुरू स्वामी संतोषानंद महाराज समाज में धर्म जागरण करने के साथ प्रतिवर्ष कई गरीब कन्याओं का विवाह और निर्धन परिवारों की सहायता के माध्यम से समाज सेवा में भी अहम योगदान कर रहे हैं।स्वामी सुतिक्ष्ण मुनि,स्वामी दिनेश दास,स्वामी ज्योर्तिमयानंद,आचार्य स्वामी पारस मुनि,महंत साधनानंद,महंत सूरज दास ने भी संत सम्मेलन को संबोधित किया और श्रद्धालु भक्तों को आशीर्वचन प्रदान किए।इस अवसर पर पार्षद आकाश भाटी,आचार्य अमित थपलियाल,सतीश पाराशर,हरिमोहन,सुरेंद्र शर्मा,जितेंद्र शर्मा,जीतू सिंह सेंगर,निरंजन सिंह गुर्जर,मनोज भाटी,अन्नु धाकड़ सहित अनेक श्रद्धालु मौजूद रहे।
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